जमुई/बिहार। मातृ दिवस के अवसर पर रविवार को "साइकिल यात्रा: एक विचार" मंच द्वारा 488वीं साइकिल यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा प्रखंड परिसर से आरंभ होकर महावीर वाटिका, जमुई नगर में संपन्न हुई। इस अवसर पर "धरती माँ वृक्षारोपण कार्यक्रम" चलाया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और जन-जागरूकता का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रेरक नारे से की गई – "कुछ पेड़ हम भी लगा दें, इस धरती को बचाने के लिए, क्योंकि इसने पूरी ज़िंदगी हमारा बोझ उठाने में लगा दी।" इस पहल का उद्देश्य लोगों को वृक्षारोपण के प्रति प्रेरित करना और धरती माँ के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाना था।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंच के सदस्य राहुल कुमार सिंह ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 'माँ' शब्द विश्व का सबसे शक्तिशाली शब्द है। माँ केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि ममता, त्याग और जीवन की प्रतीक होती है। धरती माँ भी हमारे जीवन का आधार है, और आज जब वह संकट में है, तो हमें उसके संरक्षण हेतु आगे आना चाहिए।
शेषनाथ राय ने कहा कि वर्तमान समय में धरती माँ को मानव द्वारा विकास के नाम पर अत्यधिक कष्ट दिया जा रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और नदियों पर अवरोध के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने सभी को पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संकल्प दिलाते हुए सामूहिक प्रयास की अपील की।
महावीर वाटिका में आयोजित इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के पौधों का रोपण किया गया। इस अवसर पर रामविलास सांडिल, हरेराम कुमार सिंह, अजीत कुमार, सिंटू कुमार, सौरव कुमार, राहुल ऋतुराज, संदीप कुमार रंजन सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों व बच्चों की भागीदारी भी सराहनीय रही। प्रमुख रूप से पीयूष कुमार, गौरव कुमारी, निभा कुमारी, रिया कुमारी, अनीश कुमारी आदि बच्चों ने भी पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाई।
इस आयोजन ने न केवल मातृ दिवस को यादगार बनाया, बल्कि समाज को धरती माँ के संरक्षण हेतु एक सशक्त संदेश भी दिया।
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