Jamui: योगाभ्यास शिविर में उमड़ा उत्साह, राम बिलास शाण्डिल्य बोले— स्वस्थ जीवन के लिए अपनाएं योग

जमुई/बिहार, 17 मई 2025। जमुई नगर परिषद क्षेत्र के पुरानी बाजार उच्च विद्यालय (जवाहर उच्च विद्यालय) मैदान में योग अभ्यास का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। यह नियमित योग शिविर शिवदानी प्रसाद के नेतृत्व में संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन शैली की ओर प्रेरित करना है।

कार्यक्रम में पर्यावरण भारती के संस्थापक और प्रसिद्ध योग शिक्षक राम बिलास शाण्डिल्य ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "योग भारत की प्राचीन धरोहर है। 3,000 वर्ष ईसा पूर्व महर्षि पतंजलि ने अष्टांग योग सूत्र की रचना की, जिससे उन्हें योग का जनक माना जाता है।"

शाण्डिल्य जी ने यह भी बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों के कारण 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। आज यह दिवस 193 देशों द्वारा मनाया जा रहा है, जो भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।

योग शिक्षक ने बताया कि योग अभ्यास से न केवल शरीर बल्कि मन भी स्वस्थ रहता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और जीवन में संतुलन लाता है। उन्होंने अष्टांग योग के आठ अंगों—यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि—की विस्तृत जानकारी दी।

आसन योग का महत्वपूर्ण भाग है, जो शरीर को लचीला बनाता है और कई रोगों से बचाता है। विभिन्न आसनों की श्रेणियों—बैठे, खड़े, झुके हुए, पीछे मुड़े, तिरछे, लेटे, उल्टे और विश्राम आसन—का अभ्यास उपस्थित लोगों को कराया गया।

उन्होंने बताया कि प्राणायाम उच्च रक्तचाप और अस्थमा जैसी बीमारियों में लाभकारी है, जबकि ध्यान से मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है। पतंजलि योग सूत्र का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा—"योग: चित्तवृत्ति निरोध:", यानी योग के अभ्यास से मन पर नियंत्रण संभव है।

योग शिविर में भाग लेने वाले प्रमुख प्रतिभागियों में शिवदानी प्रसाद, त्रिपुरारी लाल, चंद्रकांत भगत, अंकित पंडित, डॉ. सुरेश भगत, अतुल कुमार सिंह, विनोद कुमार सिंह, ई. विवेक कुमार, गणेश कुमार, प्रभु मोदी, राधे श्याम मोदी, सदन बर्णवाल, प्रदीप केशरी, राजेन्द्र मोदी, ईश्वर लाल, रामचंद्र मोदी, मनीष कुमार बर्णवाल, शिवम भगत, सुनील बर्णवाल, पंकज कुमार बर्णवाल, आयुष प्रकाश बर्णवाल, कुन्दन प्रताप कुन्दन, सत्यवीर प्रताप आदि शामिल थे।

समारोह का उद्देश्य स्पष्ट था—"शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक मानव को योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। यही दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का एकमात्र मार्ग है।"
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