आदमपुर/नई दिल्ली, 13 मई 2025: 'ऑपरेशन सिंदूर' की ऐतिहासिक सफलता के बाद मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय वायुसेना के साहसी जवानों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें अपने संबोधन में वीरता और राष्ट्रभक्ति की भावना के लिए बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने वायुसेना की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न सिर्फ दुश्मन के मंसूबों को नाकाम किया, बल्कि आतंकवाद के कई बड़े गढ़ों को जड़ से समाप्त कर दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “वे कायरों की तरह छिपकर आए थे, पर यह भूल गए कि उन्होंने ललकारा किसे है — हिंद की सेना को। आपने निडरता से सीधे मोर्चा लेकर आतंकवादियों को जवाब दिया और उनके तमाम अड्डों को ध्वस्त कर दिया। नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को आपने नेस्तनाबूद कर दिया और 100 से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। आज आतंकवाद के सरगनाओं को यह स्पष्ट संदेश मिल गया है — भारत की तरफ आंख उठाने का मतलब है सम्पूर्ण विनाश। निर्दोषों का खून बहाने वालों का अंजाम अब केवल और केवल तबाही है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई ने न केवल आतंकियों को बल्कि उनके संरक्षक पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को भी करारा संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “जो आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के समर्थन से भारत में दहशत फैलाने की योजना बना रहे थे, उन्हें हमारी थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने एकजुट होकर करारा जवाब दिया है। आपने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान में अब कोई ऐसा सुरक्षित अड्डा नहीं बचा, जहां आतंकी सुकून से बैठ सकें। भारत की सैन्य शक्ति इस स्थिति में है कि वह दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारे, और ऐसा करके आपने यह सिद्ध भी कर दिया है। आज पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमारी मिसाइलों और ड्रोन की सटीक मार की चर्चा हो रही है। वहां की रातों की नींद उड़ चुकी है।”
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं से भी प्रेरणा दी। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी की प्रसिद्ध पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत वह भूमि है जहां भगवान बुद्ध का शांति संदेश गूंजता है, और यही वह धरती है जहां गुरु गोबिंद सिंह जी जैसे योद्धा पैदा हुए। उन्होंने कहा था – 'सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं।' यही परंपरा आज हमारे वीर सपूत निभा रहे हैं, जब उन्होंने हमारी बहनों-बेटियों के सिंदूर की रक्षा के लिए आतंक के गढ़ में घुसकर दुश्मन का संहार किया।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारतीय सैन्य शक्ति की आधुनिकता की भी प्रशंसा की और ऐतिहासिक प्रसंगों के माध्यम से उसकी तुलना की। उन्होंने कहा, “महाराणा प्रताप के अद्वितीय घोड़े चेतक पर लिखी गई वीर पंक्तियां — 'कौशल दिखलाया चालों में, उड़ गया भयानक भालों में। निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में।' — आज भारतीय सैन्य बलों की मिसाइलों, ड्रोन और लड़ाकू विमानों पर भी उतनी ही सटीक बैठती हैं। आज चेतक की जगह तेजस, ब्रह्मोस और प्रलय जैसी संहारक ताकतें हैं, जिनसे दुश्मन भयभीत है।”
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा और संबोधन न केवल वायुसेना के जवानों के उत्साह को और बढ़ाने वाला था, बल्कि इसने भारत की आतंकवाद के खिलाफ अडिग नीति और निर्णायक सैन्य रणनीति को भी वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत किया है।
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