नई दिल्ली, 13 मई 2025: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार को 12वीं के बाद 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों की भी औपचारिक घोषणा कर दी। इस वर्ष दोनों कक्षाओं में छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन एक बार फिर लड़कियों ने बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठता साबित की है।
कक्षा 10वीं का परिणाम:
इस वर्ष कक्षा 10वीं में कुल 23,85,079 छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 23,71,939 छात्र परीक्षा में उपस्थित हुए और 22,21,636 छात्र सफल घोषित किए गए। इस तरह, इस बार का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 93.66% रहा, जो पिछले वर्ष के 93.60% से 0.06 प्रतिशत अधिक है।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा। इस बार लड़कियों का पास प्रतिशत 95% रहा, जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 92.63% रहा। यह प्रवृत्ति पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बरकरार रही है, जिसमें छात्राओं ने सफलता के आंकड़ों में बढ़त बनाई है।
जिलेवार प्रदर्शन (10वीं):
जिलेवार प्रदर्शन की बात करें तो 10वीं बोर्ड में भी दक्षिण भारत के जिले अव्वल रहे हैं।
तिरुवनंतपुरम और विजयवाड़ा दोनों का रिजल्ट 99.79% रहा, जिससे वे संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे।
बेंगलुरु 98.90% के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
चेन्नई 98.71% के साथ चौथे स्थान पर रहा।
अन्य प्रमुख जिलों का प्रदर्शन:
पुणे – 96.54%
अजमेर – 95.44%
दिल्ली पश्चिम – 95.24%
दिल्ली पूर्व – 95.07%
चंडीगढ़ – 93.71%
पंचकुला – 92.77%
भोपाल – 92.71%
भुवनेश्वर – 92.64%
पटना – 91.90%
देहरादून – 91.60%
प्रयागराज – 91.01%
नोएडा – 89.41%
गुवाहाटी – 84.14%
कक्षा 12वीं का परिणाम:
सीबीएसई ने इससे पहले कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए थे। इस वर्ष का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 88.39% रहा, जो पिछले वर्ष के 87.98% से 0.41% अधिक है।
कक्षा 12 में कुल 17,04,367 छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 16,92,794 उपस्थित हुए और 14,96,307 छात्र सफल घोषित किए गए।
लड़कियों ने 12वीं में भी अपना दबदबा बनाए रखा है:
लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत – 91.64%
लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत – 85.70%
जिलेवार प्रदर्शन (12वीं):
12वीं के नतीजों में विजयवाड़ा सबसे आगे रहा, जहां 99.60% छात्र-छात्राएं सफल हुए।
तिरुवनंतपुरम – 99.32%
चेन्नई – 97.39%
बेंगलुरु – 95.95%
दिल्ली पश्चिम – 95.37%
दिल्ली पूर्व – 95.06%
सीबीएसई के 2025 के परीक्षा परिणामों में न सिर्फ कुल उत्तीर्ण प्रतिशत में स्थिरता और सुधार देखने को मिला है, बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया कि लड़कियां शैक्षणिक प्रदर्शन में लगातार अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। दक्षिण भारत के जिलों ने उत्कृष्ट परिणाम देकर पूरे देश में शैक्षिक गुणवत्ता के उच्च मानक स्थापित किए हैं। बोर्ड के मुताबिक, परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को निष्पक्ष और समयबद्ध परिणाम मिल सकें।
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