नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज का 53वां वार्षिकोत्सव समारोह शनिवार को भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। समारोह में छात्रों, प्राध्यापकों और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति से कार्यक्रम गरिमामय बन गया। मुख्य अतिथि चिराग पासवान ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया।
उन्होंने कहा —
दुख की घड़ी में संयम रखना आवश्यक है, लेकिन सुख के समय में उससे भी अधिक संयम की आवश्यकता होती है। सफलता को कभी अहंकार का नहीं, बल्कि स्वाभिमान का प्रतीक बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सफल होना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है सफलता को पचाना।
अपने संबोधन में चिराग पासवान ने अपने जीवन के कठिन क्षणों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि पिता रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और लगन से फिर से सब कुछ हासिल कर उसे अपनी मां को समर्पित किया। यह प्रसंग उपस्थित सभी लोगों को भावुक कर गया।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Central Minister Chirag Paswan) ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुन्ना पाण्डेय के साथ अपनी पुरानी मित्रता का भी उल्लेख करते हुए उन्हें एक निष्काम मार्गदर्शक और सच्चा मित्र बताया। उन्होंने पाण्डेय जी को विशेष धन्यवाद देते हुए उनके योगदान की सराहना की।
समारोह में कॉलेज की चेयरपर्सन पामेला सिंघला, प्राचार्य सुभाष सिंह, कोषाध्यक्ष अनुपम झा, एसोसिएशन अध्यक्ष मुन्ना पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और प्रेरणादायक वक्तव्यों से भरपूर रहा, जो सभी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बना।
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