लखनऊ/उत्तर प्रदेश। यूपी सरकार की एक दूरदर्शी और सशक्त पहल — मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम (सीएम फेलो) — राज्य के ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नया अध्याय रच रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में लागू की गई इस योजना के तहत राज्य के आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात युवा सीएम फेलो, स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप नवाचार और रणनीतियां अपनाकर ग्राम्य जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। इन युवाओं की सोच, ऊर्जा और कार्यशैली न केवल मुख्यमंत्री के विजन को धरातल पर उतार रही है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक मॉडल के रूप में उभर रही है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में ठोस पहल: लखीमपुर में प्रसव केंद्र की स्थापना
लखीमपुर जिले के बांकेगंज ब्लॉक में तैनात सीएम फेलो सुरेंद्र दीक्षित ने स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से कुकरा और जलालपुर गांवों के उपस्वास्थ्य केंद्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए। लगभग 8.5 लाख रुपये की लागत से केंद्रों की मरम्मत कराकर वहां प्रसव केंद्रों की स्थापना की गई, जिससे क्षेत्र की महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व सेवाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकीं। इसका परिणाम यह रहा कि जलालपुर में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी की दर 94% तक पहुंच गई, जबकि कुकरा में यह दर 77% दर्ज की गई। प्रसव की मासिक संख्या भी 5-6 से बढ़कर 20 तक हो गई, जिससे मातृ और शिशु स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार देखने को मिला।
कला और आजीविका का संगम: बदायूं का अभिनव प्रयोग
बदायूं जिले के सलारपुर ब्लॉक में सीएम फेलो मयंक सिंह ने एक अत्यंत रचनात्मक उपाय अपनाया। उन्होंने स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिए महंगी डिजिटल सामग्री के स्थान पर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के सहयोग से मधुबनी पेंटिंग में जागरूकता संदेशों वाले बैनर तैयार करवाए। इस पहल से न केवल जागरूकता फैली, बल्कि महिलाओं को आजीविका का अवसर भी मिला।
मधुबनी पेंटिंग से अर्जित निधि से चार आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आवश्यक मापन उपकरण खरीदे गए। इस नवाचार से प्रेरणा लेकर मोमिना नामक महिला ने बदायूं की ओडीओपी जरी-जरदोजी कारीगरी से स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़े बैनर बनाए और प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया। अब वे टीबी और शिक्षा जैसे विषयों पर भी जागरूकता अभियान की दिशा में काम कर रही हैं।
कृषि क्षेत्र में नवाचार: गोरखपुर में काला नमक चावल का क्लस्टर विकास
गोरखपुर के ब्रह्मपुर ब्लॉक के सीएम फेलो प्रवीण कुमार राव ने प्रदेश की विशिष्ट कृषि फसल — काला नमक चावल — के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक संगठित प्रयास किया। उन्होंने 58 हेक्टेयर में क्लस्टर आधारित खेती शुरू करवाई और FPO (किसान उत्पादक संगठन) के माध्यम से किसानों को सरकार की कृषि निर्यात नीति 2019 के तहत लाभ दिलवाया।
किसानों को 100 रुपये प्रति किलोग्राम पर बीज की सब्सिडी और 10 लाख रुपये तक की अन्य सहायता दी गई, जिससे उत्पादन के साथ-साथ उनकी आय में भी लगभग डेढ़ गुना वृद्धि दर्ज की गई। इस पहल से क्षेत्रीय कृषि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिल रही है।
शिक्षा में तकनीक का समावेश: बलिया में डिजिटल लर्निंग का विस्तार
बलिया जिले के सोहवां ब्लॉक के सीएम फेलो बिनोद कुमार जायसवाल ने प्राथमिक विद्यालय नरही में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए स्मार्ट टीवी के माध्यम से डिजिटल कक्षाओं की शुरुआत की। इस डिजिटल लर्निंग पहल से छात्रों की रुचि और भागीदारी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई। मई 2024 में जहां 148 विद्यार्थी पंजीकृत थे, वहीं सितंबर 2024 तक यह संख्या बढ़कर 194 तक पहुंच गई और उपस्थिति दर 85% तक दर्ज की गई।
नवाचारों से सशक्त हो रहा उत्तर प्रदेश का ग्रामीण भारत
उत्तर प्रदेश सरकार का यह अभिनव कार्यक्रम न केवल योजनाओं की धरातली क्रियान्वयन को गति दे रहा है, बल्कि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नवाचारों को बढ़ावा देकर शासन और जनता के बीच सेतु का कार्य भी कर रहा है। इन सीएम फेलो की कहानियां यह प्रमाणित करती हैं कि जब युवा नेतृत्व और प्रशासनिक सहयोग एकजुट होते हैं, तब बदलाव की इबारत लिखी जाती है।
Tags:
Uttar Pradesh