वाराणसी/उत्तर प्रदेश। पिंडरा तहसील क्षेत्र के खड़खड़ी गांव में जमीन विवाद मामले में बड़ा मोड़ सामने आया है। SDM पिंडरा प्रतिभा मिश्रा के आदेश पर बुधवार को राजस्व टीम ने मौके पर पहुंचकर पैमाइश की, जिसमें फरियादी किशन पांडे की निजी भूमि पर हो रहा निर्माण वैध पाया गया, जबकि शिकायतकर्ता कुसुम पांडे का मकान बंजर भूमि पर स्थित निकला।
गौरतलब है कि इससे पहले कुसुम पांडे की शिकायत पर बिना पैमाइश के ही लेखपाल नीरज द्वारा किशन पांडे की जमीन को बंजर बताते हुए सिंधोरा पुलिस को रिपोर्ट भेज दी गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने किशन पांडे से मारपीट कर निर्माण कार्य रुकवा दिया था।
मौके पर पहुंचे लेखपाल ने तीन सदस्यीय टीम के साथ दोनों पक्षों की जमीन की नापी की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, किशन पांडे का निर्माण उनकी निजी जमीन पर पाया गया, जबकि शिकायतकर्ता का मकान बंजर भूमि पर स्थित है। हालांकि, लेखपाल ने यह भी कहा कि निर्माण कार्य अब SDM के निर्देशानुसार ही शुरू होगा।
इस बीच जब पत्रकारों ने SDM प्रतिभा मिश्रा से इस पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया। लेखपाल नीरज ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
जांच के घेरे में SDM और पुलिस
पूरा मामला तब और गरमा गया जब बीते शुक्रवार को SDM पिंडरा द्वारा पत्रकारों के समक्ष फरियादी किशन पांडे को थाने में बंद कर पिटवाने की धमकी दी गई और पत्रकारों को ‘नमक-मिर्च लगाकर खबर छापने’ की नसीहत दी गई। इसका वीडियो वायरल होने के बाद मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में है।
मंगलवार को प्रदेश पत्रकार प्रेस क्लब के अध्यक्ष घनश्याम पाठक के नेतृत्व में सैकड़ों पत्रकारों ने मंडलायुक्त एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और SDM के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जांच सौंपा गया एडीएम सप्लाई को
डीएम सत्येंद्र कुमार ने पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच एडीएम सप्लाई को सौंप दी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल, पूरे मामले की जांच जारी है। बंजर भूमि पर बना मकान और झूठी रिपोर्ट के जरिए पुलिस कार्रवाई जैसे गंभीर आरोपों ने प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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