नई दिल्ली, 26 जून 2025। सावन का पावन महीना आने को है, और भोलेनाथ की पूजा की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। शिवभक्तों के लिए पूजन सामग्री में एक चीज सबसे अहम मानी जाती है — बेल पत्र। त्रिफलक रूप में दिखने वाला यह पवित्र पत्र न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि आयुर्वेद में भी इसे औषधीय गुणों का भंडार माना गया है।
🌿 बेल पत्र का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में बेल पत्र को ‘शिवद्रुम’ भी कहा गया है। यह भगवान शिव के साथ-साथ देवी शक्ति को भी प्रिय है। स्कंद पुराण के अनुसार, बेल वृक्ष की उत्पत्ति माता पार्वती के तपस्या के दौरान उनके पसीने की बूंदों से हुई थी। मंदराचल पर्वत पर तप के दौरान उनके मस्तक से गिरी बूंदों से यह वृक्ष पनपा और इसे ‘बिल्व वृक्ष’ नाम दिया गया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,
> “जो भक्त बेल पत्र से शिवलिंग का अभिषेक करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”
बेल पत्र की तीन पत्तियां त्रिनेत्र, त्रिशूल और त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु और महेश — का प्रतीक मानी जाती हैं। साथ ही यह सत्व, रज और तम गुणों का भी प्रतिनिधित्व करती हैं, जो अहंकार और सांसारिक बंधनों से मुक्ति का प्रतीक है।
📜 शास्त्रों में उल्लेख
‘बिल्वाष्टकम्’ में बेल पत्र की महिमा इस श्लोक से स्पष्ट होती है:
> “त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्।
त्रिजन्म पाप संहारम् एकं बिल्वं शिवार्पणम्॥”
अर्थात् — तीन दलों से युक्त, तीन गुणों वाला, तीन नेत्रों और तीन शक्तियों से युक्त यह एक बेल पत्र तीन जन्मों के पापों का नाश करता है।
शिव पुराण में कहा गया है कि बेल पत्र की शीतलता शिव की रौद्र प्रकृति को शांत करती है। इसकी पत्तियों की त्रिपुटी शिव की त्रिनेत्र और त्रिशूल के साथ-साथ भक्त की निष्ठा, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है।
🕉️ बेल वृक्ष में वास करने वाली शक्तियां
जड़ में: माता गिरिजा और राधा रानी
तने में: महेश्वरी
शाखाओं में: दक्षायनी
फलों में: कात्यायनी
कांटों में: विविध शक्तियों का वास
🌱 बेल पत्र का आयुर्वेदिक महत्व
बेल का इस्तेमाल हजारों वर्षों से औषधीय रूप में किया जाता रहा है। बेल पत्र और इसके फल में पाए जाते हैं:
विटामिन C और A
कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण
लाभ:
✔ पाचन तंत्र को मजबूत करता है
✔ कब्ज और गैस की समस्या में राहत
✔ मधुमेह में ब्लड शुगर नियंत्रित करने में सहायक
✔ त्वचा रोग, सूजन और सांस की दिक्कतों में फायदेमंद
✔ गर्मियों में बेल का शर्बत शरीर को ठंडक और डिहाइड्रेशन से राहत देता है
बेल पत्र केवल एक पूजन सामग्री नहीं, बल्कि शिवभक्ति और स्वास्थ्य का समृद्ध प्रतीक है। माता पार्वती की कृपा से उत्पन्न यह वृक्ष और इसके पत्र अद्भुत आध्यात्मिक व आयुर्वेदिक गुणों से युक्त हैं। सावन के इस पवित्र महीने में बेल पत्र से शिव पूजन कर न केवल ईश्वर की कृपा पाएं, बल्कि शरीर और मन को भी स्वस्थ और शांत करें।
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