Jamui: जिले में महिला संवाद बना बदलाव की आवाज़, 22 हजार से ज्यादा सुझावों से गूंजा पोर्टल

 जमुई/बिहार, 1 जून 2025 : "अब हमारी भी सुनी जा रही है..." — यह कहना है उन हजारों महिलाओं का जो बिहार सरकार की 'महिला संवाद' पहल में अपनी बात खुलकर रख रही हैं। बिहार के जमुई जिले में महिलाओं की भागीदारी ने नया इतिहास रच दिया है। 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुए ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ के तहत अब तक 22,372 सुझाव सामने आए हैं — ये आंकड़ा सिर्फ़ आंकड़ा नहीं, यह बताता है कि महिलाएं अब न केवल जागरूक हैं, बल्कि अपनी ज़िंदगी में बदलाव के लिए आवाज़ भी उठा रही हैं।

15 जून तक चलेगा संवाद, अब तक 979 ग्राम संगठनों में कार्यक्रम आयोजित
जमुई के कुल 1,245 ग्राम संगठनों में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है, जिनमें से अब तक 979 गांवों में यह संवाद सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। हर दिन औसतन 20 से अधिक गांवों में महिलाएं जुट रही हैं — कोई बच्चा गोद में लिए, कोई काम छोड़कर, तो कोई अपनी बेटी को साथ लाकर।

1 जून को चकाई, लक्ष्मीपुर, सोनो, खैरा समेत 8 प्रखंडों के 22 गांवों में यह कार्यक्रम दो पालियों (सुबह और शाम) में हुआ, जहां हर जगह 200-300 महिलाओं की गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की गई।

वीडियो, संवाद रथ और मुख्यमंत्री का संदेश — कार्यक्रम ने जोड़ा दिल से
कार्यक्रम की शुरुआत महिला संवाद के उद्देश्यों पर चर्चा से हुई, फिर संवाद रथ के माध्यम से दिखाया गया 45 मिनट का वीडियो महिलाओं को सरकारी योजनाओं और उनके अधिकारों से जोड़ता गया।

मुख्यमंत्री का विशेष संदेश पत्र पढ़कर सुनाया गया और योजनाओं से जुड़ी लीफलेट्स बांटी गईं — अब तक 1.5 लाख से अधिक महिलाओं तक ये सामग्री पहुंचाई जा चुकी है।

दहेज और बाल विवाह के खिलाफ ली गई शपथ, शिक्षा और आत्मनिर्भरता का लिया संकल्प
कार्यक्रम का सबसे भावुक पल तब आया जब सैकड़ों महिलाओं ने एक साथ दहेज प्रथा को न कहने और बाल विवाह रोकने की शपथ ली।

लाभुक महिलाओं ने मंच पर अपने अनुभव साझा किए — किसी ने बताया कैसे जीविका से उसकी पहचान बनी, तो किसी ने कहा कि अब वह अपने बच्चों की पढ़ाई खुद संभाल रही है।

पंचायत से पोर्टल तक — हर सुझाव है खास
महिलाओं से मिले सुझावों को संवाद पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है और जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है।

हर सुझाव — चाहे वह शिक्षा से जुड़ा हो, स्वास्थ्य, सुरक्षा या रोजगार से — राज्य की नीतियों को जमीनी हकीकत से जोड़ने का एक सेतु बन रहा है।

महिला संवाद क्यों है खास?
‘महिला संवाद’ सिर्फ़ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, यह महिलाओं की भागीदारी को नीति निर्माण की मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार की यह पहल राज्य के सभी जिलों में चल रही है, लेकिन जमुई में महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी इसे एक जनांदोलन का रूप दे रही है।
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