राष्ट्रीय मंच पर पहुंची कोकिलचंद धाम के विकास की मांग, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को सौंपा पत्र

नई दिल्ली। बिहार के जमुई जिले में स्थित बाबा कोकिलचंद धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग अब राष्ट्रीय मंच पर पहुंच गई है। इस संबंध में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान (Central Minister Chirag Paswan) को दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती महाविद्यालय में आयोजित वार्षिक समारोह के दौरान एक विस्तृत मांग-पत्र सौंपा गया।

यह मांग-पत्र दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक और बाबा कोकिलचंद विचार मंच ट्रस्ट (Baba Kokilchand Vichar Manch Trust) के मार्गदर्शक मंडल सदस्य उत्तम कुमार ने मंत्री को सौंपा। आवेदन में गंगरा गांव को आदर्श ग्राम घोषित करने और मंत्री द्वारा इसे गोद लेने की भी मांग की गई है।

उत्तम कुमार ने बताया कि जमुई जिलांतर्गत गिद्धौर प्रखंड के गंगरा पंचायत स्थित बाबा कोकिलचंद धाम न सिर्फ एक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक सुधार के प्रतीक भी हैं। बाबा द्वारा समाज को दिए गए तीन संदेश—शराब से दूरी, नारी सम्मान और अन्न की रक्षा—आज भी वहां के जीवन मूल्य बने हुए हैं।

गौरतलब है कि यह मंदिर बिहार धार्मिक न्यास परिषद, पटना से पंजीकृत है और गिद्धौर रियासत के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह द्वारा इसे 13 एकड़ भूमि दान में दी गई थी। धाम की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को देखते हुए इसे केंद्र सरकार की योजनाओं में शामिल करने की मांग की गई है।

इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ प्रोफेसर जैसे डॉ. मुन्ना पांडेय, डॉ. आशुतोष तिवारी, डॉ. गजेन्द्र और डॉ. कामख्या नारायण तिवारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की।

बाबा कोकिलचंद मंदिर गंगरा के सचिव चुन चुन कुमार ने बताया कि मंदिर की सांस्कृतिक विरासत और विकास की संभावनाओं को दर्शाता एक विस्तृत दस्तावेज मंत्री को सौंपा गया है।

यह प्रयास न केवल बिहार में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि ग्रामीण विकास और सांस्कृतिक जागरूकता का भी सशक्त उदाहरण बन सकता है।
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