वाराणसी/उत्तर प्रदेश। सावन माह के पहले सोमवार को बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी शिवभक्ति में डूब गई। बाबा विश्वनाथ के दरबार से लेकर ग्रामीण शिवालयों तक श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। तड़के से ही भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर कतारों में खड़े दिखे। मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही हर-हर महादेव के जयघोष के बीच जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर शाम तक जारी रहा।
काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा महामृत्युंजय महादेव, सारंगनाथ महादेव और अन्य प्रमुख शिवालयों में हजारों यादव बंधुओं ने परंपरा अनुसार विधिवत जलाभिषेक कर बाबा का आशीर्वाद लिया।
वहीं प्रयागराज से हजारों कांवरिये त्रिवेणी संगम का जल लेकर बनारस पहुंचे। कई कांवरिये दशाश्वमेध घाट पर स्नान कर बाबा को जल अर्पित करने के लिए विश्वनाथ मंदिर की ओर बढ़े।
भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त समेत प्रशासन के अधिकारी लगातार निगरानी में जुटे रहे। मंदिर परिसर एवं आस-पास के क्षेत्र में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। पुलिस और सादे कपड़ों में तैनात सुरक्षाकर्मी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे।
ग्रामीण शिवालयों में भी भक्तों की उमड़ी भीड़
रोहनिया संवाददाता के अनुसार, ग्रामीण अंचल भी भोलेनाथ की भक्ति में रंगे रहे।
माधोपुर का शुलटंकेश्वर महादेव मंदिर
नरउर स्थित बाणासुर महादेव
शहावाबाद दरेखु का प्राचीन शिवधाम
मोहनसराय स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर
राजातालाब भैरवतालाब में भैरवनाथ मंदिर
भीमचंडी, जख्खिनी और काशीपुर के शिवालयों में श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, धतूरा, माला-फूल चढ़ाकर जलाभिषेक किया।
पूरे दिन काशी की गलियों में हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे गूंजते रहे। काशी का वातावरण पूरी तरह भक्ति और आस्था में डूबा नजर आया। बाबा की नगरी केसरिया रंग में रंगी रही और शिवभक्तों की आस्था का अद्भुत दृश्य हर कोने में देखने को मिला।
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