नई दिल्ली, 15 जुलाई 2025, मंगलवार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में भारत ने महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण हासिल किया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में देश की औसत खुदरा महंगाई दर घटकर 5.1% रह गई है, जो कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 8.1% थी।
विशेष बात यह है कि जून 2025 में खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड गिरावट के साथ 2.1% पर आ गई, जो जनवरी 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। मई 2025 में यह दर 2.82% थी, यानी महज एक महीने में 0.72% की कमी दर्ज की गई।
यूपीए सरकार में महंगाई का दंश
आधिकारिक रिपोर्ट बताती है कि जनवरी 2012 से अप्रैल 2014 के बीच यूपीए शासन में 22 महीनों में खुदरा महंगाई 9% से अधिक रही। सरकार के आखिरी तीन वर्षों में औसत दर 9.8% रही, जबकि वैश्विक महंगाई उस दौरान 4-5% के बीच थी।
मोदी युग में नियंत्रण और स्थिरता
मोदी सरकार के दौरान खुदरा महंगाई कभी भी 8% के पार नहीं पहुंची, और अधिकांश समय यह 5% से नीचे रही। ग्रामीण क्षेत्रों में जून 2025 में खुदरा महंगाई 1.72% और शहरी क्षेत्रों में 2.56% रही।
विशेषज्ञों के अनुसार, सब्जियों, दालों, मांस और मसालों की कीमतों में गिरावट इस महंगाई में गिरावट की प्रमुख वजह रही।
आरबीआई ने घटाया अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में घोषणा की कि 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान घटाकर 3.7% कर दिया गया है, जो पहले 4% था।
तिमाही अनुमान इस प्रकार हैं :
- पहली तिमाही: 2.9%
- दूसरी तिमाही: 3.4%
- तीसरी तिमाही: 3.9%
- चौथी तिमाही: 4.4%
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक स्थिरता बनाए रखी है, बल्कि वैश्विक परिस्थितियों के बीच महंगाई पर नियंत्रण में उल्लेखनीय सफलता भी हासिल की है। आने वाले महीनों में भी सरकार और आरबीआई की सतर्क रणनीति से महंगाई पर काबू बना रहने की उम्मीद है।
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