नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025, गुरुवार : दिल्ली में रक्षाबंधन का पर्व इस बार सियासी सरोकारों और सामाजिक समर्पण का संगम बन गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के सरकारी स्कूलों से आए नन्हे बच्चों के साथ राखी का त्योहार मनाया। मुख्यमंत्री जनसेवा सदन परिसर में आयोजित इस भावुक पल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उन्होंने इसे "भविष्य के वादे और मासूम भरोसे की डोर" बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब छोटे-छोटे हाथों से राखियां बांधी गईं, तो यह रस्म रिश्तों की एक नई परिभाषा बन गई। बच्चों की मुस्कान और आंखों की चमक ही हमारे हर फैसले की प्रेरणा है। वे धागे सिर्फ रक्षा का नहीं, बल्कि भरोसे और उज्ज्वल कल के प्रतीक हैं।”
मुख्यमंत्री की तस्वीरों में उन्हें बच्चों से राखी बंधवाते और उन्हें स्नेहपूर्वक आशीर्वाद देते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि सरकार का हर निर्णय और हर नीति इन बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए है।
उधर, भाजपा भी रक्षाबंधन के जश्न में पूरी तरह शामिल नजर आई। दिल्ली भाजपा प्रदेश कार्यालय में विभिन्न स्कूल और कॉलेजों से आए छात्रों ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को राखी बांधी। इस मौके पर सचदेवा ने कहा कि “रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते की गरिमा का पर्व है, जो समाज को एकता की डोर में पिरोता है।”
भाजपा ने इस अवसर पर राजधानी की झुग्गी बस्तियों में जाकर राखी मनाने का अभियान भी शुरू किया है। पार्टी ने ऐलान किया है कि महिला मोर्चा की कार्यकर्ता दिल्ली के हर कोने में जाकर जरूरतमंदों के बीच रक्षाबंधन का त्योहार मनाएंगी।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ऋचा पांडे मिश्रा ने बताया कि पार्टी की योजना है कि “दिल्ली की हर झुग्गी बस्ती में रक्षाबंधन के अवसर पर महिला कार्यकर्ता पहुंचें, वहां राखी बांधें और त्योहार को सबके साथ मिलकर मनाएं। कार्ययोजना तैयार हो चुकी है और आने वाले दिनों में इसे व्यापक रूप से लागू किया जाएगा।”
रक्षाबंधन को लेकर दिल्ली में राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर खास उत्साह देखा गया। बच्चों की मासूम मुस्कान और नेताओं की मानवीय पहल ने इस पर्व को भावनाओं के नए आयाम दिए हैं।
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