प्रधानमंत्री मोदी से मिले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अंतरिक्ष यात्रा का साझा किया अनुभव – कहा, 'भारत को आप पर गर्व है'

नई दिल्ली, 18 अगस्त। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक पहुंचकर इतिहास रचने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई, जहां प्रधानमंत्री ने उन्हें गले लगाकर उनका अभिनंदन किया और उनकी असाधारण उपलब्धियों की सराहना की।

शुभांशु शुक्ला ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों से अवगत कराया। उन्होंने अंतरिक्ष में बिताए गए दिनों के दौरान हुए वैज्ञानिक प्रयोगों, शारीरिक-मानसिक चुनौतियों और टीमवर्क के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन पर भारतीय ध्वज लहराना उनके लिए जीवन का सबसे गर्वपूर्ण क्षण रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें उत्साहपूर्वक बधाई देते हुए कहा कि न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया आज उनकी सफलता से प्रेरणा ले रही है। उन्होंने शुभांशु की उपलब्धि को भारत के वैज्ञानिकों और युवाओं के लिए एक नई ऊर्जा और विश्वास का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि "शुभांशु शुक्ला ने न सिर्फ अंतरिक्ष में कदम रखा है बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान की अग्रिम पंक्ति में स्थापित किया है।"

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शुभांशु से हुई भेंट की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा –
शुभांशु शुक्ला के साथ बहुत ही प्रेरणादायी बातचीत हुई। हमने अंतरिक्ष में उनके अनुभवों, भारत की प्रौद्योगिकी क्षमता और गगनयान मिशन की महत्वाकांक्षाओं पर चर्चा की। भारत को इस उपलब्धि पर गर्व है।

यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री ने शुभांशु शुक्ला से संवाद किया हो। इससे पहले, जब वे अंतरिक्ष में आईएसएस पर थे, तब भी पीएम मोदी ने उनसे वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत की थी। उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था – "आप भले ही भारतभूमि से दूर हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में 'शुभ' है और आपकी यह यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तो मेरे साथ हर भारतीय की भावनाएं भी इस बातचीत में शामिल हैं।"

प्रधानमंत्री ने आगे कहा था कि अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए पूरा देश आपको शुभकामनाएं देता है। उन्होंने शुक्ला की सादगी और धैर्य की भी प्रशंसा की और उनसे पूछा था कि जब उन्होंने पहली बार अंतरिक्ष की विशालता देखी, तो उनके मन में क्या विचार आया।

इसके जवाब में शुभांशु शुक्ला ने भावुक स्वर में कहा था –
अंतरिक्ष से देखने पर कोई राजनीतिक सीमा दिखाई नहीं देती। पूरी पृथ्वी एक साझा घर जैसी लगती है। जब भारत को मैप पर देखता हूं, तो उसका सौंदर्य और भव्यता और भी अद्भुत प्रतीत होती है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल भारत की वैज्ञानिक क्षमता को मजबूती दी है बल्कि युवाओं को भी बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा दी है। शुभांशु शुक्ला की यात्रा भारत के लिए एक ऐसा अध्याय बन गई है, जो आने वाली पीढ़ियों को निरंतर अंतरिक्ष अनुसंधान और खोज की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
और नया पुराने