जमुई/बिहार। राष्ट्र गौरव और जनजागरण को समर्पित राष्ट्र गुणगान यात्रा का समापन रविवार को जमुई सदर प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में उत्साह और उमंग के साथ हुआ। यात्रा का नेतृत्व कर रहे निर्भय प्रताप सिंह अपने समर्थकों और बड़ी संख्या में युवाओं के साथ लगमा, बिठलपुर सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों का भ्रमण कर अंतिम दिन की यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया।
जिन-जिन गांवों से यह राष्ट्र गुणगान यात्रा गुजरी, वहां ग्रामीणों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर यात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। हर गांव में चौपाल आयोजित कर निर्भय प्रताप सिंह ने ग्रामीणों और युवाओं से सीधा संवाद किया। चौपाल में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने एक माह से लगातार चल रही इस यात्रा की उपलब्धियों और इसके उद्देश्यों को विस्तार से बताया।
निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि इस राष्ट्र गुणगान यात्रा ने जमुई विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे जिले के युवाओं में नई चेतना जगाने का कार्य किया है। “यह यात्रा सोए हुए युवाओं को झकझोरने और उनमें राष्ट्रवाद, देशप्रेम और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भरने का माध्यम बनी है,” उन्होंने कहा। उनके अनुसार, इस अभियान ने यह संदेश दिया कि समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए राजनीतिक सुधार और सहभागिता भी उतनी ही आवश्यक है।
अपने संबोधन में उन्होंने मौजूदा राजनीति में घर कर चुके वंशवाद और परिवारवाद पर तीखा प्रहार करते हुए इसे देश के विकास के मार्ग में सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुखद है कि हमारे देश और राज्य की राजनीति में वंशवाद को महत्व दिया जाता है। यह प्रवृत्ति लोकतंत्र को कमजोर करने वाली है और विकास की राह का सबसे बड़ा अभिशाप है। वंशवाद को उखाड़ फेंकने के लिए समाज के युवाओं को आगे आकर निर्णायक भूमिका निभानी होगी।”
आर्थिक स्वावलंबन की आवश्यकता पर बल देते हुए निर्भय प्रताप सिंह ने हर गांव को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर व्यक्ति ही स्वच्छ राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभा सकता है। इसी संदर्भ में उन्होंने नेचर विलेज की परिकल्पना से भी ग्रामीणों को अवगत कराया और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “हमें विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की आदत विकसित करनी चाहिए। जब हम स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक उपयोग करेंगे, तभी हमारा देश आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेगा और राष्ट्र निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकेंगे।”
राष्ट्र गुणगान यात्रा के समापन अवसर पर मौजूद युवाओं और ग्रामीणों ने भी निर्भय प्रताप सिंह के विचारों से प्रेरित होकर राष्ट्रभक्ति, सामाजिक उत्थान और स्वदेशी को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। पूरे कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ और उत्साह इस बात का प्रमाण था कि यह यात्रा स्थानीय जनमानस पर गहरी छाप छोड़ने में सफल रही।
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