नई दिल्ली। शिक्षा की दुनिया में गणित को अक्सर सबसे कठिन विषय माना जाता है। लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जिन्होंने इस कठिन विषय को न केवल सरल बनाया बल्कि छात्रों के जीवन की दिशा भी बदल दी। शिक्षक दिवस पर आइए याद करें पाँच ऐसे महान गणित शिक्षक को जिनका योगदान आने वाली पीढ़ियों तक महसूस किया जाएगा।
1. आर.डी. शर्मा : पाठ्य पुस्तक से बढ़ाया छात्रों का विश्वास
कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र हों या JEE के अभ्यर्थी, “आर.डी. शर्मा” की किताबें लगभग हर घर में मिल जाती हैं। उनकी पुस्तकों ने भारतीय छात्रों के लिए गणित की नींव मज़बूत करने का सबसे भरोसेमंद साधन उपलब्ध कराया। सटीक हल, विस्तृत अभ्यास प्रश्न और सरल भाषा उनकी किताबों को विद्यार्थियों की पहली पसंद बनाते हैं।
2. आर.एस. अग्रवाल : गणित के नींव की मज़बूती का प्रतीक
सीबीएसई और राज्य बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र आर.एस. अग्रवाल की किताबों से अनभिज्ञ नहीं रह सकते। उनकी पुस्तकें बुनियादी गणित से लेकर जटिल प्रश्नों तक को सहज ढंग से सिखाती हैं। दशकों से छात्रों की “प्रैक्टिस बुक” कहे जाने वाले इन ग्रंथों ने गणित के डर को आत्मविश्वास में बदला है।
3. वी.के. बंसल(VK Bansal) : कोटा शहर को बनाया शिक्षा की राजधानी
स्वर्गीय विनोद कुमार बंसल (वी.के. बंसल) का नाम भारतीय शिक्षा जगत में अमर है। कोटा में बंसल क्लासेज़ की स्थापना कर उन्होंने न केवल IIT-JEE की तैयारी का नया मानक गढ़ा, बल्कि कोटा को पूरे देश का “कोचिंग कैपिटल” बना दिया। गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी उन्होंने हज़ारों छात्रों को IIT तक पहुँचाया। उनकी विरासत आज भी कोटा की हर गली में महसूस की जाती है।
4. mathematics गुरु आर.के. श्रीवास्तव : ‘एक रुपया गुरु दक्षिणा’ कार्यक्रम के लिए मशहूर
दुनिया के मानचित्र पर मैथेमेटिक्स गुरु आर.के. श्रीवास्तव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। इनका पूरा नाम रजनी कांत श्रीवास्तव है। ये भारत के एक मात्र ऐसे शिक्षक होंगे जिनका कोई हेटर्स नहीं मिलेगा, जादुई तरीके से Maths पढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है। इनकी खासियत यह है कि उनसे पढ़कर औसत दर्जे के स्टूडेंट्स भी IITian बन जाते है। जिन्होंने देश के हर उस बच्चे की मदद करने की सोची जो पढ़ना चाहता है। भारत के प्रतिष्ठित अखबारों और न्यूज पोर्टल पर इनके बारे में खबरें हमेशा छपती ही रहती है।
बिहार के Mathematics गुरु आर.के. श्रीवास्तव शिक्षा की दुनिया में अपने अनोखे “एक रुपया गुरु दक्षिणा” कार्यक्रम के लिए जाने जाते हैं। अब तक वे 950 से अधिक छात्रों को IIT की राह दिखा चुके हैं। वर्तमान में वे पटना के एक ट्रस्ट के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं। उनका मानना है—“ग़रीब छात्रों को अवसर मिले, यही सबसे बड़ी दक्षिणा है।”
5. आनंद कुमार : सुपर-30 की सफलता के लिए अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त
आनंद कुमार ने सुपर-30 कार्यक्रम शुरू करके पूरे देश और दुनिया में नाम कमाया। पटना में शुरू हुई यह पहल गरीब और मेधावी छात्रों को मुफ्त प्रशिक्षण देकर उन्हें IIT तक पहुँचाने के लिए जानी जाती है। इस कार्यक्रम की सफलता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई।
इन पाँचों शिक्षकों ने अलग-अलग तरीकों से काम किया किसी ने किताबों से, किसी ने कोचिंग से, किसी ने विशेष कार्यक्रमों से। लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही रहा, “गणित को डर नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और सफलता का साधन बनाना।”
शिक्षक दिवस पर हम इन गुरुओं को नमन करते हैं।
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