वाराणसी/उत्तर प्रदेश। काशी को विश्व स्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की दिशा में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण पहल की गई। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार सर्किट हाउस सभागार में स्ट्रीट फूड वेन्डर्स के लिए विशेष फास्टेक (FoSTaC) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य शहर के स्ट्रीट फूड व्यवसायियों को स्वच्छता, सुरक्षित भोजन निर्माण और विक्रय के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), नई दिल्ली के कार्यपालक निदेशक यू.एस. ध्यानी ने की। उन्होंने स्ट्रीट फूड वेन्डर्स को संबोधित करते हुए कहा कि काशी को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने के लिए आवश्यक है कि यहां के स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता और स्वच्छता उच्चतम स्तर की हो। उन्होंने समाज में फूड वेन्डर्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्हें स्वच्छ और सुरक्षित भोजन तैयार करने तथा विक्रय करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर अंकलेश्वर मिश्रा, संयुक्त निदेशक, FSSAI ने वेन्डर्स को हाइजिन किट एवं घरेलू जाँच किट वितरित किए। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रतिभागियों को फास्टेक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, जो उनके द्वारा खाद्य सुरक्षा मानकों के पालन का आधिकारिक प्रमाण होगा।
कार्यक्रम में ईशा कालिया, संयुक्त सचिव, आवास एवं शहरीय विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने स्ट्रीट फूड वेन्डर्स को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना छोटे व्यवसायियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके व्यापार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है।
इस अवसर पर गरिमा कपूर, उपसचिव, वित्त मंत्रालय भारत सरकार, पराग गावरी, उपसचिव, आवास एवं शहरीय विकास मंत्रालय, तथा नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, वाराणसी, निधि वाजपेयी, परियोजना अधिकारी डूडा, और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।
करीब 229 स्ट्रीट फूड वेन्डर्स ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमित ने सभी विशिष्ट अतिथियों, नगर आयुक्त, सहयोगी विभागों और स्ट्रीट फूड वेन्डर्स का कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आभार प्रकट किया।
यह प्रशिक्षण न केवल काशी के स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय फूड वेन्डर्स को सशक्त बनाने का भी प्रभावी प्रयास साबित होगा।
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