वाराणसी/उत्तर प्रदेश। त्योहारों के समय बढ़ते ऑनलाइन लेन-देन और डिजिटल ठगी के मामलों को देखते हुए “खुशी की उड़ान” संस्था ने साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत संस्था द्वारा वाराणसी के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर एक विशेष नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशी सैलानियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम मिशन शक्ति के पर्सनल सेफ्टी कार्यक्रम का हिस्सा था।
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने लोगों को बताया कि कैसे त्यौहारों के समय ऑनलाइन ठग सक्रिय हो जाते हैं और छोटी सी असावधानी बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है। नाटक में यह संदेश दिया गया कि किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, ओटीपी साझा न करें, मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी सार्वजनिक करने से बचें।
संस्था की संस्थापिका सारिका दुबे ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति डिजिटल रूप से जागरूक बने और साइबर अपराधों से खुद को सुरक्षित रख सके। जागरूकता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है, और नुक्कड़ नाटक समाज तक संदेश पहुँचाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।
वहीं संस्था के प्रमुख सहयोगी दिवाकर दुबे ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड के नए-नए तरीके हर दिन सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता को जागरूक करना बेहद आवश्यक है, ताकि कोई भी व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार न बने। यह अभियान आगे भी लगातार चलता रहेगा।
इस कार्यक्रम की सफलता में महिला महाविद्यालय, बीएचयू की छात्राएं स्वीटी सिंह, नेहा, रिया कुमारी, नेहा कुमारी, साधना यादव, रेखा यादव, प्रेमलता शर्मा ने अहम भूमिका निभाई। संस्था के सदस्य विकास गुप्ता, देवेश सिंह, आहिल खान, अल्का समेत अन्य सहयोगियों ने भी सक्रिय योगदान दिया।
कार्यक्रम में अधिवक्ता एवं समाजसेवी नीतू सिंह, बबिता चौरसिया, नगीना पांडेय, गौरव श्रीवास्तव, शिवांश, काजल चंदानी, डॉ. एस. पी. सिंह, आलोक योगी और शुभम तिवारी उपस्थित रहे।
“खुशी की उड़ान” संस्था ने घोषणा की कि भविष्य में भी वह समाज के विभिन्न वर्गों तक इस जागरूकता संदेश को पहुँचाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी, ताकि हर नागरिक डिजिटल रूप से सशक्त और सुरक्षित बन सके।
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