सुबह की दो आदतें जो शुगर मरीजों के लिए हैं अमृत समान, इनसे रहेगा ब्लड शुगर नियंत्रण में

नई दिल्ली, 6 नवंबर 2025, गुरुवार। आजकल बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान और बढ़ते तनाव ने मधुमेह यानी शुगर को एक आम बीमारी बना दिया है। पहले जहां यह रोग उम्रदराज लोगों में देखा जाता था, वहीं अब यह युवाओं में भी तेजी से फैल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर रोजमर्रा की कुछ छोटी-छोटी आदतों में सुधार किया जाए, तो ब्लड शुगर लेवल को आसानी से नियंत्रित रखा जा सकता है। खासकर सुबह के समय किए गए दो काम ऐसे हैं जो शुगर के मरीजों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं।

पहला उपाय है — गुनगुने पानी के साथ मेथी या दालचीनी का सेवन।
विशेषज्ञों के अनुसार, रात में एक चम्मच मेथी दाना पानी में भिगोकर रखें और सुबह उस पानी को हल्का गर्म करके खाली पेट पिएं। मेथी में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण की गति को धीमा करते हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर स्थिर बना रहता है। मेथी के बीजों में ट्राइगोनेलीन और फेनोलिक एसिड जैसे यौगिक होते हैं, जो इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और रक्त में मौजूद अशुद्धियों को भी कम करते हैं।

अगर मेथी का स्वाद पसंद न आए, तो उसके स्थान पर दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है। दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं बल्कि पैंक्रियाज को सक्रिय करके इंसुलिन हार्मोन के स्राव में भी मदद करते हैं। सुबह लिया गया दालचीनी पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे ऊर्जा बनी रहती है और शुगर के स्तर में अस्थिरता नहीं आती।

दूसरा उपाय है — सुबह की सैर और सूर्य की रोशनी का सेवन।
रोजाना सुबह किसी पार्क या खुले स्थान में 20 मिनट की सैर करने से न केवल शरीर की कैलोरी बर्न होती है, बल्कि मन भी शांत रहता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर संभव हो तो घास पर नंगे पैर चलें। इससे पैरों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स सक्रिय होते हैं, जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है। इसके साथ-साथ सूर्य की हल्की किरणें शरीर में विटामिन डी का निर्माण करती हैं, जो इंसुलिन के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

सुबह की धूप तनाव कम करती है, नींद की गुणवत्ता सुधारती है और मूड को स्थिर रखती है। जब मन शांत रहता है, तो शरीर में कॉर्टिसोल यानी तनाव हार्मोन का स्तर घटता है — और यही हार्मोन ब्लड शुगर बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है।

डॉक्टरों का कहना है कि इन दोनों उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से मधुमेह के मरीज दवाइयों पर निर्भरता को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हालांकि खानपान पर संयम और नियमित जांच जरूरी है। सुबह की यह छोटी-सी दिनचर्या न केवल शुगर को नियंत्रित रखती है, बल्कि शरीर में नई ऊर्जा और स्फूर्ति भी भर देती है।
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