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बिहार सरकार की आर्थिक सर्वे में आया सामने! राज्य में यादव-भूमिहार सबसे गरीब, कुर्मियों में बंटी अधिक नौकरी

पटना/बिहार (Patna/Bihar), देसी खबर (Desi Khabar), 7 नवंबर 2023, मंगलवार :बिहार में नीतीश सरकार ने जातीय सर्वेक्षण (आर्थिक) रिपोर्ट जारी कर दी है. मंगलवार को आयी रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में यादव जाति के लोग सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी में हैं. दरअसल, अलग अलग जातीय वर्गों के आधार पर सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या जारी की गई है. जिसमें यादव जाति ने सबको पीछे छोड़ दिया है. यादव जाति में सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या 2 लाख 89 हजार 538 है.

दरअसल, बिहार में सामान्य वर्ग सामान्य वर्ग के 6 लाख 41 हजार 281 व्यक्ति को सरकारी नौकरी है. इसमें भूमिहार जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 87 हजार 256 है जो कुल नौकरी के अनुपात में 4.99 फीसदी है. वहीं सामान्य वर्ग में ब्राह्मण जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 72 हजार 259 यानी 3.60 फीसदी है. राजपूत जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 71 हजार 933 है जो 3.81 फीसदी होता है. इसमें कायस्थ जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 52 हजार 490 जो 6.68 फीसदी है.

रिपोर्ट मे पिछड़ी जातियों में सबसे अधिक कुर्मी जाति के लोग सरकारी नौकरी में हैं. नीतीश सरकार में विपक्ष बार बार यह सवाल उठाते रहा है की बिहार में सरकारी नौकरी में नालंदा मॉडल हावी है. नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है. बिहार में पहले से ही इस बात की चर्चा होती रही है कि नीतीश सरकार में सरकारी नौकरियों में नालंदा मॉडल हावी है. जिले के कुर्मी जाति के लोगों को खूब नौकरी मिली है. आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं. जिसमें पिछड़ी जातियों में सबसे अधिक आबादी वाले यादव जाति से 2 लाख 89 हजार 538 लोग सरकारी नौकरी में हैं, जो कि उनकी जाति की संख्या का 1.55 फीसदी है.