दूरसंचार विभाग की कठोर कार्रवाई : 3.4 करोड़ मोबाइल कनेक्शन और लाखों वॉट्सऐप अकाउंट ब्लॉक

नई दिल्ली (New Delhi), देसी खबर (Desi Khabar), 24 मार्च 2025, सोमवार : केंद्र सरकार ने हाल ही में यह जानकारी साझा की कि टेलीकॉम धोखाधड़ी से निपटने के लिए अब तक दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल के जरिए 3.4 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शन को डिस्कनेक्ट किया है और 3.19 लाख आईएमईआई नंबर को ब्लॉक किया है। इसके अतिरिक्त, विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और बिग डेटा के मदद से 16.97 लाख वॉट्सऐप अकाउंट्स को भी ब्लॉक कर दिया है, ताकि अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।

राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बताया कि दूरसंचार विभाग की 'संचार साथी पहल' के तहत 20,000 से अधिक बल्क एसएमएस भेजने वालों को ब्लैकलिस्ट भी किया गया है। यह पहल धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम साबित हो रही है।

संचार साथी पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को 'चक्षु' की मदद से संदिग्ध धोखाधड़ी गतिविधियों से संबंधित संदेशों और कॉल्स को रिपोर्ट करने की सुविधा दी गई है। रिपोर्ट की गई शिकायतों की जांच के बाद, यदि कोई मोबाइल नंबर गलत पाया जाता है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दिया जाता है।

डॉ. चंद्रशेखर ने आगे बताया कि व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट किए गए संदिग्ध धोखाधड़ी संदेशों पर कार्रवाई करने के बजाय, दूरसंचार विभाग अपने क्राउड-सोर्स डेटा का उपयोग करता है। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि टेलीकॉम संसाधनों का दुरुपयोग न हो और धोखाधड़ी से संबंधित संचार की पहचान पहले से की जा सके।

इसके अलावा, विभाग ने एआई-आधारित टूल्स और बिग डेटा एनालिसिस का इस्तेमाल करते हुए नकली दस्तावेजों के आधार पर लिए गए संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों की पहचान की है। इसके परिणामस्वरूप, धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है और उपभोक्ताओं को सुरक्षित रखने के उपायों में सुधार हुआ है।

नवीनतम प्रयासों में, दूरसंचार विभाग और सेवा प्रदाताओं ने अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स की पहचान करने के लिए एक नया सिस्टम विकसित किया है, जिससे यह असल में विदेशों से आने वाली कॉलों की पहचान की जा सकती है, जो भारत से आने वाली कॉल्स की तरह दिखती हैं। इस सिस्टम की मदद से इन कॉल्स को रियल टाइम में पहचाना जा सकता है और संबंधित नंबर को ब्लॉक किया जा सकता है।

इस बीच, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 1,150 संस्थाओं और व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया है और 18.8 लाख से अधिक संसाधनों को डिस्कनेक्ट कर दिया है। इन कदमों का असर यह हुआ है कि अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतों में गिरावट आई है। अगस्त 2024 में यह आंकड़ा 1,89,419 था, जो जनवरी 2025 में घटकर 1,34,821 रह गया।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने भी 12 फरवरी को दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम (टीसीसीसीपीआर), 2018 में संशोधन किया। इसके तहत, अब ग्राहक स्पैम या अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) को लेकर सात दिन के भीतर शिकायत दर्ज करवा सकता है, जबकि पहले यह समय सीमा केवल तीन दिन थी। इसके अतिरिक्त, अनरजिस्टर्ड सेंडर के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा को 30 दिनों से घटाकर पांच दिन कर दिया गया है।

यूसीसी भेजने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई के मानदंडों को पहले से और अधिक कठोर बना दिया गया है। इन कठोर कदमों के साथ, सरकार ने संचार धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
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