सफलता की गारंटी वाला प्रचार बंद करें कोचिंग संस्थान, नहीं तो होगी कार्रवाई, सरकार ने दी चेतावनी

नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार : देशभर में छात्रों के भविष्य से जुड़ने का दावा करने वाले कोचिंग सेंटरों के लिए अब मनमर्जी से भ्रामक विज्ञापन करना आसान नहीं होगा। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ऐसे कोचिंग संस्थानों पर शिकंजा कसते हुए उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि वे "गारंटीड रैंक" या "गंभीर सफलता का आश्वासन" देने जैसे भ्रामक विज्ञापन जारी करते हैं, तो उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।

गुरुवार को सीसीपीए की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि कोचिंग संस्थान अपने प्रचार-प्रसार में पारदर्शिता बरतें और छात्रों को भ्रमित करने वाले किसी भी दावे से बचें। विशेष रूप से आईआईटी-जेईई और एनईईटी जैसी परीक्षाओं में सफलता की गारंटी देने वाले विज्ञापनों को प्रथम दृष्टया उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन माना गया है।

★ छात्रों को दी जाए पूरी जानकारी
सीसीपीए ने निर्देश दिया है कि विज्ञापनों में छात्र का नाम, रैंक, कोर्स का प्रकार, और कोर्स के लिए भुगतान हुआ था या नहीं — ये सभी जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए। साथ ही, डिस्क्लेमर (छूट सूचना) को भी अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों की तरह ही प्रमुखता दी जाए।

★ 24 संस्थानों पर 77.6 लाख का जुर्माना
प्राधिकरण ने अब तक 49 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया है और इनमें से 24 संस्थानों पर कुल 77.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही इन संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल प्रभाव से भ्रामक विज्ञापनों को रोकें।

सीसीपीए इससे पहले यूपीएससी, एनईईटी, जेईई, आरबीआई और नाबार्ड जैसी प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग सेंटरों के खिलाफ भी कार्रवाई कर चुका है।

★ दिशा-निर्देशों की अनदेखी महंगी पड़ेगी
सीसीपीए ने बताया कि कई कोचिंग संस्थान "भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024" और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। ये नियम इस उद्देश्य से बनाए गए हैं कि छात्रों और उनके अभिभावकों को सटीक और पारदर्शी जानकारी मिले, जिससे वे सही निर्णय ले सकें।

तीन वर्षों से चल रही सख्त निगरानी
प्राधिकरण ने बीते तीन वर्षों में सैकड़ों भ्रामक विज्ञापन, अनुचित व्यापारिक प्रथाओं और कोचिंग सेंटरों की ओर से उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में कार्रवाई की है।

अब कोचिंग सेंटरों को अपनी प्रचार नीति में गंभीर बदलाव करने होंगे। यदि वे छात्रों को गुमराह करने वाले विज्ञापन जारी करते हैं, तो न केवल भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा, बल्कि उनकी साख पर भी असर पड़ेगा। सीसीपीए की यह पहल छात्रों के हित में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है।
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