जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 26 अप्रैल 2025, शनिवार : जिले में महिला संवाद कार्यक्रम के आठवें दिन शुक्रवार को विकास और जनहित की आवाज़ ग्रामीण इलाकों से गूंज उठी। जिला जीविका कार्यालय के तत्वावधान में चल रहे इस विशेष कार्यक्रम की कड़ी में दसों प्रखंडों के 22 ग्राम पंचायतों में संवाद आयोजित किए गए, जिनमें पांच हजार से अधिक महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य था — महिलाओं की आकांक्षाओं और सुझावों को सीधे शासन तक पहुंचाना। महिलाओं ने योजनाओं से जुड़ी अपनी समस्याओं, अनुभवों और जरूरतों को खुले मंच पर रखा। विशेष बात यह रही कि लगभग 70 से 80 महिलाओं ने व्यक्तिगत रूप से अपने अनुभव साझा किए और अपनी मांगें स्पष्ट शब्दों में सामने रखीं।
संवाद कार्यक्रमों में महिलाओं ने स्पष्ट रूप से गरीब तबके के लिए नई सतत जीविकोपार्जन योजना लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जैसे अभी कुछ चुनिंदा परिवारों को योजना का लाभ मिलता है, वैसे ही हर गरीब वर्ग को कवर करने वाली समावेशी योजना लायी जाए।
★ इसके अलावा प्रमुख मांगों में शामिल थीं:
सामाजिक पेंशन की राशि में बढ़ोतरी
बालिका पोशाक योजना एवं साइकिल योजना की राशि में संशोधन
स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार एवं सामुदायिक भवन की व्यवस्था
लघु कुटीर उद्योगों के लिए कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 5 से 10 लाख तक का ऋण सरलता से उपलब्ध हो
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने बैंक ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने और मामूली ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए सामूहिक "जीविका बैंक" की स्थापना का सुझाव भी दिया।
वीडियो से जागरूकता, संवाद से विश्वास
कार्यक्रम की शुरुआत 45 मिनट के सूचनात्मक वीडियो से की गई, जिसने महिलाओं को योजनाओं और उनके अधिकारों के प्रति सजग किया। इस वीडियो का सकारात्मक असर दिखा, और महिलाएं अपनी बात कहने में पहले से अधिक आत्मविश्वास से भरी नजर आईं।
★ कई ग्राम संगठनों में हुआ आयोजन
संवाद कार्यक्रम गुलाब, ख़ुशी, मार्शल दहार, शगुन, ज्योति, मोहित, अभिलाषा, अनोखा, हरियाली, अम्बिका, नवदुर्गा, ओम, चाँद संकल्प, अमरनाथ, उज्ज्वल, राम, जीवन, आस्था, सृष्टि और शक्ति ग्राम संगठनों में सफलता के साथ आयोजित हुए।
सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई
इस अवसर पर बिहार सरकार की योजनाओं से संबंधित लीफलेट और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संदेश पत्र भी उपस्थित महिलाओं को वितरित किया गया, ताकि वे सरकारी योजनाओं की जानकारी से लाभान्वित हो सकें।
महिला संवाद कार्यक्रम केवल समस्याएं गिनाने का मंच नहीं रहा, बल्कि यह महिलाओं की सामूहिक चेतना, आत्मनिर्भरता और नीति निर्माण में भागीदारी की भावना का परिचायक बनता जा रहा है। ऐसे संवाद ग्रामीण महिलाओं को न केवल सशक्त बना रहे हैं, बल्कि वे अब शासन से अपनी बात कहने का हक़ भी आत्मविश्वास से जताने लगी हैं।
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