वाराणसी/उत्तर प्रदेश। धार्मिक नगरी काशी में रविवार को कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के वार्षिक श्रृंगार महोत्सव का आयोजन पूरे भक्तिभाव और धूमधाम के साथ किया गया। तड़के सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ पड़ी।
महोत्सव की शुरुआत प्रातः 5 बजे मंदिर के महंत पं. सुमित उपाध्याय द्वारा पंचमेवा स्नान और नवीन वस्त्र धारण कराकर की गई। इसके बाद बाबा की विशेष रजत मुखौटे वाली भव्य झांकी सजाई गई, जिसे देखकर भक्त भावविभोर हो उठे।
दोपहर में भोग आरती के साथ बाबा को मिष्ठान, फल, पकवान और मदिरा का भोग अर्पित किया गया। ‘जय बाबा काल भैरव’ के गगनभेदी जयकारों से संपूर्ण परिसर गूंज उठा।
शाम को चारों वेदों की ऋचाओं से विधिवत बसंत पूजा संपन्न हुई। इसके बाद भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें सुप्रसिद्ध गायक आलोक नादान ने भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों को झुमने पर विवश कर दिया।
मध्यरात्रि में बाबा की सवा लाख दीपकों से महाआरती की गई, जिससे मंदिर परिसर दिव्य प्रकाश से आलोकित हो उठा। मंदिर को देशी-विदेशी फूलों और कामिनी की पत्तियों से अलंकृत किया गया था।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर मनोकामनाएं मांगी और प्रसाद रूपी भंडारे का लाभ लिया। कार्यक्रम के दौरान स्व. प्रदीपनाथ उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी सेवाओं को याद किया गया।
यह आयोजन एक बार फिर यह साबित कर गया कि काशी की आस्था में काल भैरव का स्थान सर्वोच्च है। आयोजकों ने पूरी श्रद्धा और व्यवस्था के साथ यह पर्व सम्पन्न कराया।
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