नई दिल्ली, 29 मई — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित 'गुजरात शहरी विकास योजना' की 20वीं वर्षगांठ पर जनसभा को संबोधित करते हुए देशवासियों से विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग की अपील की। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जनभागीदारी को ज़रूरी बताया।
पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बिना उस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, "गणेश जी भी विदेश से आते हैं, वो भी छोटी आंखों वाले। उनकी आंखें भी नहीं खुल रही होतीं। होली के रंग और पिचकारी तक विदेश से आ रही है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि त्योहारी प्रतीकों और वस्तुओं तक में विदेशी निर्भरता देखी जा रही है। उन्होंने व्यापारियों से आह्वान किया कि लाभ कितना भी हो, विदेशी माल बेचना बंद करें।
पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह सिर्फ सैन्य बल नहीं, बल्कि जनबल से आगे बढ़ेगा। "2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी है कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व में तीसरे स्थान पर लाएं। इसके लिए सबसे पहले हमें विदेशी वस्तुओं की आदत छोड़नी होगी।"
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोग घर जाकर एक सूची बनाएं कि उनके घर में रोज़मर्रा में कितनी विदेशी वस्तुओं का प्रयोग होता है — यहां तक कि हेयरपिन और टूथपिक जैसी छोटी चीज़ें भी विदेशी हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' पर सेना के शौर्य की सराहना
पीएम मोदी ने भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि 6 मई की रात जो हुआ, वह छद्म युद्ध नहीं, एक निर्णायक कार्रवाई थी। "महज 22 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को चिन्हित कर तबाह कर दिया गया। और यह सब कैमरों के सामने हुआ, ताकि कोई सबूत की मांग न कर सके।"
उन्होंने पाकिस्तान को लेकर कहा, "जो आतंकवादी मारे गए, उनके जनाजों को पाकिस्तान में स्टेट ऑनर दिया गया। इससे साफ है कि यह प्रॉक्सी वॉर नहीं, एक सोची-समझी युद्ध रणनीति है। और जब आप युद्ध कर रहे हैं, तो जवाब भी उसी अंदाज़ में मिलेगा।"
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में स्वदेशी को केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय बताया और इसे हर भारतीय की जिम्मेदारी करार दिया।
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