'युवा शक्ति, भारत की शक्ति' कार्यक्रम में देशभर के छात्रों ने ली एकता और राष्ट्र सेवा की शपथ

नई दिल्ली, 28 मई। देश की युवा पीढ़ी ने आज राष्ट्रीय एकता और कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत उदाहरण पेश किया। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी पहल ‘युवा शक्ति, भारत की शक्ति - एक युवा, एक राष्ट्र, एक संकल्प’ के तहत देशभर के हजारों छात्रों ने एकसाथ राष्ट्र के प्रति निष्ठा की शपथ ली और एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का संकल्प दोहराया।

यह समारोह पांच प्रमुख क्षेत्रों के पांच प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एक साथ आयोजित किया गया —

उत्तर भारत: कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर

मध्य भारत: जामिया हमदर्द, नई दिल्ली

दक्षिण भारत: एमएस रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज, बेंगलुरु

पूर्वी भारत: हिमालयन विश्वविद्यालय, ईंटानगर (अरुणाचल प्रदेश)

पश्चिम भारत: बाबासाहेब अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, अहमदाबाद


आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश

यह आयोजन हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में हुआ। छात्रों ने एकजुट होकर राष्ट्र की एकता, अखंडता और आत्मबल को सशक्त बनाने की शपथ ली।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न — ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ — को भी दृढ़ता से दोहराया गया।

दिल्ली में भव्य आयोजन, छात्रों में दिखा जोश

नई दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय में हुए मुख्य कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की।
इसमें एआईयू की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल, जामिया हमदर्द के कुलपति प्रो. (डॉ.) एम. अफशर आलम, प्रो. हिमानी सूद, और संगम विहार के विधायक चंदन कुमार चौधरी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

एआईयू के अध्यक्ष और सीएसजेएम विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा,

> "यह आयोजन यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय केवल ज्ञान के केंद्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना और संकल्प के भी केन्द्र हैं। आज का युवा कल का इंतजार नहीं कर रहा, वह आज ही भारत को नया आकार दे रहा है।"



तुर्की-अजरबैजान से शैक्षणिक संबंध समाप्त

कार्यक्रम के अंत में एआईयू ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए तुर्की और अजरबैजान के साथ सभी शैक्षणिक समझौतों को रद्द करने की घोषणा की। यह निर्णय उन दोनों देशों द्वारा भारत की संप्रभुता को लेकर दिखाई गई असंवेदनशीलता के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।

युवा शक्ति का नया संदेश

इस ऐतिहासिक पहल ने स्पष्ट कर दिया कि भारत की नई पीढ़ी केवल जागरूक ही नहीं, बल्कि नेतृत्व के लिए भी तैयार है। हजारों छात्रों की एक स्वर में ली गई शपथ ने यह संदेश दिया कि यह पीढ़ी बदलाव का इंतजार नहीं करती — यह खुद बदलाव लाती है। यह कार्यक्रम भारत की युवा ऊर्जा, राष्ट्रीय भावना और भविष्य के प्रति विश्वास का प्रतीक बनकर सामने आया।
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