पटना/बिहार। जम्मू–कश्मीर के कारगिल में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए बिहार के नवादा जिले के पांडेय गंगोट गांव निवासी शहीद मनीष कुमार का पार्थिव शरीर शनिवार को पटना लाया गया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर बिहार सरकार के विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने भी शहीद मनीष को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में जिस बहादुरी और साहस का परिचय मनीष ने दिया है, वह देश के लिए गर्व की बात है। उनका नाम इतिहास में सम्मान और श्रद्धा के साथ लिया जाएगा।
मनीष कुमार की उम्र मात्र 22 वर्ष थी और दो माह पूर्व ही उनका विवाह हुआ था। वे अपने पीछे अपने परिजनों के साथ एक नवविवाहित पत्नी को छोड़ गए हैं। शहीद की शहादत ने पूरे राज्य को गमगीन कर दिया है, वहीं उनका अदम्य साहस हर भारतवासी के लिए प्रेरणा बन गया है।
बिहार सरकार ने शहीद के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। शहीद मनीष कुमार की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा और 'भारत माता की जय' व 'शहीद मनीष अमर रहें' के नारों से आसमान गूंज उठा।
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