साप्पन की लकड़ी’: महिलाओं की प्राकृतिक दोस्त, मासिक धर्म से लेकर त्वचा तक को देती है राहत

नई दिल्ली, 12 मई 2025 : हर महिला अपने जीवन में ऐसे समय से गुजरती है, जब उसका शरीर और मन दोनों असहज महसूस करते हैं – खासकर मासिक धर्म के दौरान। इस समय में शरीर में तेज़ दर्द, पेट में ऐंठन, सूजन, अनियमितता जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इन परेशानियों से निपटने के लिए अक्सर महिलाएं दवाओं का सहारा लेती हैं, लेकिन एक प्राकृतिक औषधि है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत देने का काम करती है। इसका नाम है ‘साप्पन की लकड़ी’, जिसे पटरंगा या पाथिमुघम के नाम से भी जाना जाता है।

आजकल जब महिलाएं तेजी से आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपायों की ओर लौट रही हैं, साप्पन की लकड़ी उन्हें एक बेहतरीन विकल्प प्रदान करती है – न केवल मासिक धर्म से जुड़ी दिक्कतों के लिए, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी।

प्राकृतिक गुणों से भरपूर साप्पन की लकड़ी
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने साप्पन की लकड़ी के औषधीय गुणों के बारे में बताया। उनके अनुसार, इस लकड़ी से बनी चाय या काढ़ा पीने से मासिक धर्म के दौरान दर्द और असहजता से राहत मिलती है। यह न केवल एक प्राकृतिक दर्द निवारक है, बल्कि हार्मोनल असंतुलन से भी मुकाबला करने में सहायक होती है।
मासिक धर्म के दौरान करती है गहरा असर
पीरियड्स के दौरान शरीर में जो ऐंठन और सूजन होती है, उसे यह लकड़ी धीरे-धीरे शांत करती है।
अनियमित पीरियड्स की समस्या को संतुलित करने में मदद करती है।
मूड स्विंग्स, बेचैनी और थकावट जैसे लक्षणों को कम करती है।


त्वचा के लिए अमृत समान
साप्पन की लकड़ी सिर्फ आंतरिक राहत ही नहीं देती, बल्कि बाहरी सौंदर्य में भी निखार लाती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर:
चेहरे पर प्राकृतिक ग्लो आता है।
कील-मुहांसे, दाग-धब्बे, डार्क सर्कल जैसी समस्याएं धीरे-धीरे कम हो जाती हैं।
त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है।

इम्यून सिस्टम को करती है मजबूत
इसकी एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल विशेषताएं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। यही कारण है कि यह कई तरह की बीमारियों से शरीर की रक्षा करने में सहायक मानी जाती है।

कैसे करें इसका सेवन?
मुनमुन गनेरीवाल के अनुसार, इसका इस्तेमाल करना बेहद आसान है:
1. 1 लीटर पानी लें और उबालने रखें।
2. उसमें एक चुटकी साप्पन की लकड़ी (पाथिमुघम) डालें।
3. इसे 5 मिनट तक उबलने दें, फिर छान लें।
4. तैयार काढ़े को थर्मस फ्लास्क में स्टोर करें और पूरे दिन गुनगुना पीते रहें।

यह नुस्खा न केवल शरीर को आराम देता है, बल्कि दिनभर के तनाव से भी मुक्ति दिलाता है।

सावधानी और सुझाव
हालांकि साप्पन की लकड़ी एक प्राकृतिक तत्व है और इसके कोई खास दुष्प्रभाव नहीं हैं, फिर भी किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होता है।

गर्भवती महिलाओं या जिनका शरीर किसी विशेष अवस्था में हो, उन्हें इसका सेवन डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करना चाहिए।

साप्पन की लकड़ी आज की तेज़ भागती दुनिया में महिलाओं के लिए एक प्राकृतिक सहेली की तरह है – जो मासिक धर्म के दर्द से लेकर त्वचा की देखभाल तक, हर मोड़ पर उनका साथ देती है। जब हर ओर रासायनिक दवाएं और सौंदर्य प्रसाधनों का बोलबाला हो, तब ऐसी पारंपरिक, सस्ती और सरल औषधियां न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं, बल्कि हमें अपनी जड़ों से भी जोड़ती हैं।
और नया पुराने