Jamui: पिता चलाते हैं ऑटो, बेटी बनी बिहार पुलिस में सिपाही, गरीबी को दी मात, मेहनत से मिली सफलता

जमुई/बिहार। बिहार के जमुई जिले की रहने वाली स्नेहा कुमारी ने वो कर दिखाया, जो कई सपने देखने वालों के लिए प्रेरणा बन सकता है। सीमित संसाधनों, आर्थिक तंगी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद स्नेहा ने कड़ी मेहनत और लगन से बिहार पुलिस में सिपाही पद हासिल किया है।

स्नेहा के पिता पुनीत सिंह पेशे से ऑटो चालक हैं। उनका जीवन रोज़ की कमाई पर टिका है, लेकिन बेटी की पढ़ाई और परवरिश में उन्होंने कभी कसर नहीं छोड़ी। स्नेहा की मां का सपना था कि उनकी बेटी खाकी वर्दी पहने। दुर्भाग्यवश, चार साल पहले मां का देहांत हो गया। लेकिन मां का सपना स्नेहा के लिए प्रेरणा बन गया, और उसने ठान लिया कि वह इसे पूरा करके दिखाएगी।

स्नेहा ने मलयपुर कन्या विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर लोहंडा कॉलेज, सिकंदरा से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के साथ-साथ वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करती रहीं। कठिन हालात, सामाजिक चुनौतियां और आर्थिक तंगी कभी उसकी राह नहीं रोक सकी। आज जब स्नेहा वर्दी पहनकर घर लौटीं, तो पिता की आंखों में गर्व और आंसू दोनों थे। यह सिर्फ एक लड़की की नहीं, एक पूरे परिवार की जीत है।

स्नेहा की कहानी उन हज़ारों बेटियों के लिए मिसाल है जो सपने तो देखती हैं, लेकिन हालात से हार मान लेती हैं। उन्होंने दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हों और इरादे मजबूत, तो कोई भी बाधा सफलता के रास्ते में नहीं टिक सकती। संघर्ष की चट्टानों को चीरकर निकली ये किरण अब न केवल अपने परिवार का गर्व है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा भी।
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