नई दिल्ली, 26 जून 2025। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को भरोसा जताया कि भारत अगले तीन वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2027 तक भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रबल संभावना है।
पीयूष गोयल ने यह बात मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MCCI) द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कही, जिसका विषय था— ‘भारत का 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर कदम: वैश्विक चुनौतियों का सामना करना।’
‘विकसित भारत 2047’ के विजन से सभी जुड़े : गोयल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने केवल वृद्धिशील नहीं, बल्कि परिमाणात्मक बदलाव की दिशा में काम किया है। उन्होंने बताया कि सरकार का ध्यान समावेशी (inclusive), टिकाऊ (sustainable) और ईमानदार (honest) विकास पर रहा है।
गोयल ने जोर देकर कहा कि,
> “सरकार, उद्योग, व्यापारी वर्ग और 140 करोड़ भारतीय ‘विकसित भारत 2047’ के विजन से गहराई से जुड़े हुए हैं। यह एक साझा संकल्प है, जिसे मिलकर पूरा किया जा रहा है।”
भारत बना 'कमजोर' से 'शीर्ष' अर्थव्यवस्था
पीयूष गोयल ने भारत की प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि कभी 'फ्रैजाइल फाइव' (कमजोर पांच अर्थव्यवस्थाओं) में गिने जाने वाला भारत आज दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है।
> “हमारी मैक्रोइकोनॉमिक नींव मजबूत है, बैंकिंग प्रणाली सुदृढ़ है और उधारी देने की क्षमता ऊंचे स्तर पर है। मुद्रास्फीति भी घटकर करीब 3% पर आ गई है, जो अब तक की सबसे कम दरों में से एक है।”
संतुलित विकास और सुशासन पर विशेष बल
गोयल ने बताया कि सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संतुलित विकास को प्राथमिकता दी है और यह विकास सेवा, सुशासन और नवाचार के मूल सिद्धांतों पर आधारित है।
उन्होंने एमसीसीआई की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह संस्था सरकार, उद्योग और हितधारकों के बीच सक्रिय सेतु का काम कर रही है।
> “एमसीसीआई की 124 वर्षों की यात्रा इस बात की गवाही देती है कि कैसे संस्थाएं राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बन सकती हैं।”
"महान अर्थव्यवस्थाएं शांत पानी में नहीं बनतीं"
पीयूष गोयल ने वेबिनार के दौरान प्रेरणात्मक टिप्पणी करते हुए कहा,
> “इतिहास हमें सिखाता है कि महान अर्थव्यवस्थाएं शांत पानी में नहीं, बल्कि अशांत समुद्रों में बनती हैं। यही समय है जब भारत को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद स्थिर विकास दर, बढ़ते निवेश, और मजबूत घरेलू मांग के कारण वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और अधिक मजबूत कर रहा है। आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था किस ऊंचाई तक पहुंचेगी, यह देखना उत्सुकता का विषय रहेगा।
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