SBI ने ग्राहक सेवा सुधारने के लिए 13,455 जूनियर एसोसिएट किए भर्ती, मुनाफा भी रिकॉर्ड स्तर पर

मुंबई, 13 जून 2025। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को घोषणा की कि बैंक ने पूरे देश में ग्राहक सेवा अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 13,455 जूनियर एसोसिएट्स की भर्ती की है। बैंक ने यह कदम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाली पदों को भरने के लिए उठाया है।

एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने बताया कि, "इस वर्ष कुल मिलाकर हमने लगभग 18,000 पदों पर भर्ती की है, जिसमें लगभग 13,500 लिपिकीय स्तर की नियुक्ति और 3,000 परिवीक्षाधीन अधिकारी व अन्य स्थानीय स्तर के पद शामिल हैं।"

2.36 लाख से अधिक कर्मचारियों वाला बैंक

बैंक के अनुसार, SBI में फिलहाल 2.36 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। बैंक का लक्ष्य न केवल व्यापक स्तर पर रोजगार सृजित करना है, बल्कि बैंकिंग क्षेत्र के भावी पेशेवरों को भी तैयार करना है।

होम और ऑटो लोन में मजबूत पकड़

एसबीआई का होम लोन पोर्टफोलियो 8.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है। मार्च 2025 तक बैंक के पास 53.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि है, जिसमें CASA (चालू और बचत खाता) अनुपात 39.97% है। बैंक का कुल अग्रिम 42.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

बाजार में एसबीआई की होम लोन में 27.3% और ऑटो लोन में 20.2% हिस्सेदारी है, जो इसे देश के सबसे बड़े खुदरा ऋणदाताओं में से एक बनाती है।

वित्त मंत्री को दिया 8,076.84 करोड़ रुपये का लाभांश

एसबीआई ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 8,076.84 करोड़ रुपये का लाभांश चेक सौंपा। यह चेक एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में वित्त मंत्री को सौंपा।

वित्त मंत्री के कार्यालय ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर भी जानकारी साझा की।

मजबूत वित्तीय प्रदर्शन

2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की शीर्ष सार्वजनिक कंपनियों ने शानदार मुनाफा दर्ज किया है।

एसबीआई ने इस तिमाही में 18,643 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि एलआईसी ने 19,013 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया।

वित्त वर्ष 2024-25 में एसबीआई का कुल शुद्ध लाभ 70,901 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जबकि एलआईसी ने 48,151 करोड़ रुपये का शानदार वार्षिक लाभ अर्जित किया है।

सरकारी कंपनियों के इस मजबूत प्रदर्शन से केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति और सुदृढ़ होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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