UP: दरोगा से लव मैरिज करने पर महिला सिपाही का परिवार पंचायत के निशाने पर, हुक्का-पानी बंद

झांसी/उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में जातिगत भेदभाव और पंचायत के तुगलकी फरमान का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला सिपाही ने अपने प्रेमी, जो पेशे से दरोगा हैं, से प्रेम विवाह कर लिया। दोनों की शादी आपसी सहमति से हुई और इसमें दोनों परिवारों की सहमति भी रही। लेकिन शादी के बाद लड़की के गांव की पंचायत भड़क उठी और सिपाही के माता-पिता को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।

मिली जानकारी के अनुसार, महिला सिपाही यादव समुदाय से है, जबकि उनके पति दरोगा पटेल समुदाय से हैं। शादी में जाति भेदभाव को नजरअंदाज कर परिवारों ने आपसी सहमति से रिश्ते को स्वीकार कर लिया, लेकिन गांव की पंचायत ने इसे अपनी 'इज्जत' का मामला बना लिया। पंचायत ने सिपाही के माता-पिता का हुक्का-पानी बंद कर दिया और गांव में उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया।

इतना ही नहीं, पंचायत ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा कि अगर महिला सिपाही अपने गांव आती है तो उसे जूते मारकर भगा दिया जाएगा। इस तुगलकी फरमान के बाद गांव के किसी भी व्यक्ति ने सिपाही के माता-पिता से बातचीत करना बंद कर दिया है। पूरा परिवार सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ गया है।

सामाजिक बहिष्कार से परेशान सिपाही के माता-पिता स्थानीय थाने में पहुंचे और पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर घर भेज दिया। फिलहाल परिवार मानसिक तनाव में है और पंचायत के इस अमानवीय रवैये से बेहद आहत है।

यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। सवाल यह उठ रहा है कि जब दोनों परिवार इस रिश्ते से संतुष्ट हैं, तो पंचायत को हस्तक्षेप करने का अधिकार किसने दिया? अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस जातीय भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार के मामले में कोई सख्त कदम उठाता है या नहीं।
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