हिंदुस्तान का ‘सेंधा नमक’ कैसे हुआ गायब? जानिए विदेशी कंपनियों की चाल और नमक का सच!

नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके रसोईघर का नमक आपकी सेहत पर क्या असर डाल रहा है? क्या आपने ध्यान दिया है कि उपवास में सेंधा नमक ही क्यों खाया जाता है, न कि सामान्य सफेद नमक? आइए जानते हैं सेंधा नमक की हकीकत और कैसे अंग्रेजों व विदेशी कंपनियों ने भारत से इस चमत्कारी खनिज को धीरे-धीरे गायब कर दिया।

क्या है सेंधा नमक? कैसे बनता है?
सेंधा नमक, जिसे "रॉक सॉल्ट" या “सैन्धव नमक” भी कहा जाता है, प्राकृतिक रूप से खनिज के रूप में पाया जाता है। यह बनाया नहीं जाता, बल्कि धरती के गर्भ में वर्षों से जमा होता है। सिंधु घाटी और पाकिस्तान के लाहौर क्षेत्र में नमक के पहाड़ और सुरंगें इसकी प्रमुख स्रोत हैं। भारत में इसे उपवास का शुद्ध नमक माना जाता है, क्योंकि यह शीतल, पाचन में हल्का और त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने वाला होता है।

समुद्री नमक का खेल : कैसे हुआ सेंधा नमक से विश्वासघात?
1930 से पहले भारतवासी सेंधा नमक ही खाते थे। लेकिन जैसे ही विदेशी कंपनियों ने भारत में कदम रखा, नमक का पूरा खेल बदल गया। ग्लोबलाइजेशन के बाद अन्नपूर्णा, कैप्टन कुक जैसी विदेशी कंपनियों ने बाजार में धावा बोला। तब आयोडीन की कमी का डर दिखाकर एक प्रचार चलाया गया – “आयोडीन युक्त नमक खाओ, वरना बीमार पड़ोगे!”

सरकारों ने कानून बनाया कि बिना आयोडीन वाला नमक बेचना गैरकानूनी होगा। देखते ही देखते सेंधा नमक बाजार से गायब होने लगा, और रसोई में पहुंचा सफेद, चमकदार लेकिन खतरनाक समुद्री नमक।

क्या कहती है दुनिया?
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 56 देशों में आयोडीन युक्त नमक बैन है। डेनमार्क ने 1956 में बैन लगाया, क्योंकि आयोडीन नमक के कारण वहां जनसंख्या घटने लगी। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों में भी यह प्रतिबंधित है।

समुद्री नमक : एक धीमा ज़हर?
आयुर्वेद कहता है कि समुद्री नमक अम्लीय (acidic) होता है। इससे रक्त अम्लता बढ़ती है जो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, किडनी स्टोन जैसी 48 बीमारियों को जन्म देती है। इसमें इस्तेमाल होता है Industrial Iodine जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

इसे चमकदार बनाने के लिए मिलाए जाते हैं :
Tricalcium Phosphate
Magnesium Carbonate
Sodium Alumino Silicate
(ये रसायन सीमेंट बनाने में उपयोग किए जाते हैं!)

सेंधा नमक के जबरदस्त फायदे
शुद्ध, प्राकृतिक और क्षारीय (Alkaline) — शरीर में घुलनशील, रोगों से लड़ने में मददगार
रक्तचाप नियंत्रित करता है
97 प्राकृतिक खनिजों से भरपूर
पाचन शक्ति बढ़ाता है, हृदय के लिए लाभकारी
लकवे (Paralysis) जैसे रोगों का जोखिम कम करता है
आयुर्वेदिक औषधियों में प्रयोगित – जैसे लवण भास्कर, पाचन चूर्ण

क्या करना चाहिए अब?
आपके पास विकल्प है –
रासायनिक समुद्री नमक को छोड़िए
सेंधा नमक अपनाइए, जो प्रकृति का वरदान है।
आयोडीन की पूर्ति आप हरी सब्जियों, आलू, अरबी आदि से भी कर सकते हैं। सिर्फ 'आयोडीन' के नाम पर रासायनिक नमक को ज़िंदगी का हिस्सा बनाना आपकी सेहत के साथ अन्याय है।

सेंधा नमक केवल एक विकल्प नहीं, एक परंपरा है – एक स्वास्थ्य मंत्र है, जिसे अंग्रेजों और मुनाफाखोर कंपनियों ने हमसे छीन लिया।
अब वक्त है लौटने का – अपनी जड़ों की ओर, अपने स्वाद और स्वास्थ्य की ओर।

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