देवघर में विश्वप्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला शुरू, 'बोल बम' के नारों से गूंजा बाबाधाम

देवघर/झारखंड, 10 जुलाई 2025। झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम में आज से विश्वप्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला का भव्य शुभारंभ हो गया। सावन मास के पहले दिन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मेले की शुरुआत झारखंड के मंत्रियों सुदिव्य कुमार सोनू, दीपिका पांडेय सिंह और संजय प्रसाद यादव ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दुम्मा में की।

यह मेला सुल्तानगंज (बिहार) से बाबाधाम (देवघर) तक फैले 108 किलोमीटर लंबे मार्ग पर आयोजित होता है और इसे एशिया का सबसे बड़ा धार्मिक पदयात्रा मेला माना जाता है। गुरुवार को हजारों श्रद्धालुओं ने सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से पवित्र जल उठाकर "बोल बम" के जयकारों के साथ बाबा की नगरी देवघर की ओर प्रस्थान किया।

बाबा बैद्यनाथ – महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक
धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवघर स्थित बाबाधाम में भगवान शिव का एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जिसे कामना महादेव भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन में यहां जलार्पण करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

देश-विदेश से पहुंचेंगे 60 लाख श्रद्धालु
राज्य सरकार के अनुमान के मुताबिक, 50 से 60 लाख श्रद्धालु इस वर्ष श्रावणी मेले में हिस्सा लेंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और व्यवस्थित जलार्पण को लेकर प्रशासन ने कड़े और आधुनिक इंतजाम किए हैं।

 विशाल टेंट सिटी : कोठिया और बाघमारा में आधुनिक सुविधाओं से युक्त टेंट सिटी बनाई गई है, जहां हजारों कांवड़िए एक साथ ठहर सकते हैं।
डिजिटल सुविधा : मेला क्षेत्र को डिजिटल रूप दिया गया है। QR कोड और चैटबॉट के माध्यम से श्रद्धालु सुविधाओं की जानकारी ले सकते हैं।
सामाजिक सुविधाएं : स्नानगृह, शौचालय, चिकित्सा केंद्र, सूचना केंद्र और पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की गई है।

VIP दर्शन व स्पर्श पूजा पर रोक
देवघर उपायुक्त नमन प्रियेश ने जानकारी दी कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पूरे सावन माह के लिए VIP, VVIP और आउट ऑफ टर्न दर्शन की सुविधा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही बाबा बैद्यनाथ के ज्योतिर्लिंग की स्पर्श पूजा पर भी रोक लगाई गई है। भक्त अब अरघा प्रणाली के माध्यम से जलार्पण करेंगे।

शटल सेवा और सुरक्षा प्रबंध
मेले में आने-जाने वालों की सुविधा के लिए शटल सेवा शुरू की गई है। मेला क्षेत्र में होल्डिंग प्वाइंट, आवास व्यवस्था, साफ-सफाई, स्वास्थ्य सेवा, और पेयजल आपूर्ति पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस अधिकारी और स्वयंसेवकों को निर्देश दिया गया है कि वे सेवा भाव और विनम्रता के साथ श्रद्धालुओं की मदद करें।

शिव की कृपा से होती है मनोकामना पूर्ण
बाबाधाम के तीर्थ पुरोहित प्रभाकर शांडिल्य ने बताया कि सावन में बाबा की पूजा से भक्तों को असीम फल प्राप्त होता है। उनका कहना है,
"सावन मास भगवान शिव को अति प्रिय है। उनकी पूजा से न केवल सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन का आध्यात्मिक उद्देश्य भी सिद्ध होता है।"

तो इस सावन, अगर आप भी बाबा बैद्यनाथ के दरबार में श्रद्धा का जल चढ़ाना चाहते हैं, तो तैयार हो जाइए आस्था, तपस्या और भक्ति की 108 किलोमीटर लंबी इस अलौकिक यात्रा के लिए – जहां हर कदम पर गूंजता है ‘बोल बम’ और हर बूंद में बहती है श्रद्धा की गंगा।
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