जमुई/बिहार, (रिपोर्ट : चंद्रशेखर सिंह) : जमुई जिला अंतर्गत इस्लामनगर अलीगंज प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। बाल विकास परियोजना कार्यालय में पदस्थापित सीडीपीओ कुमारी ज्योति और महिला पर्यवेक्षिका प्रीति सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं। केंद्र संख्या 13 की आंगनबाड़ी सेविका इंदिरा देवी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) और जिलाधिकारी (डीएम) को लिखित आवेदन देकर अवैध वसूली, मनमानी और कार्य से जबरन हटाए जाने की शिकायत की है।
सेविका इंदिरा देवी ने बताया कि जब उन्होंने अपने केंद्र पर पोषाहार न भेजे जाने की शिकायत की, तो सीडीपीओ और पर्यवेक्षिका ने 50 हजार रुपये की मांग की। आरोप है कि सुविधा शुल्क न देने पर उनका केंद्र बदलकर केंद्र संख्या 162 पर पोषाहार भेज दिया गया और राशि की बंदरबांट कर ली गई। इतना ही नहीं, बिना किसी सूचना और सेवानिवृत्ति के ही उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया।
सेविका ने बताया कि हर माह तीन हजार रुपये सीडीपीओ और दो हजार रुपये पर्यवेक्षिका द्वारा जबरन वसूले जाते हैं। यदि कोई विरोध करता है तो पोषाहार की राशि में कटौती कर दी जाती है या फिर उसे काम से हटा दिया जाता है।
एफआरएस में भी भारी गड़बड़ी का आरोप
पीड़ित सेविकाओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एफआरएस (फूड रेशन सिस्टम) के नाम पर भी उनसे जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस पूरे प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र भ्रष्टाचार और अधिकारियों-बिचौलियों की मिलीभगत का शिकार हो गया है।
डीएम ने दिया जांच का आश्वासन
जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कहा है कि उन्हें इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। कहा कि, यह मामला केवल एक सेविका की शिकायत नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में व्याप्त गड़बड़ी की गंभीर बानगी है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।
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