लखनऊ/उत्तर प्रदेश। यूपी सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से वर्षों पहले विस्थापित होकर राज्य में बसे हजारों परिवारों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन विस्थापित परिवारों को भूमि का स्वामित्व देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार अब इन परिवारों को राजस्व रिकॉर्ड में वैध स्वामी के रूप में दर्ज करेगी, जिससे उन्हें कानूनी अधिकार, सम्मान, और सुरक्षा मिलेगी।
10,000 से अधिक परिवारों को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार की इस पहल से पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बिजनौर और रामपुर जिलों में बसे 10,000 से अधिक विस्थापित परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। ये वे परिवार हैं जो पूर्वी पाकिस्तान से 1971 के युद्ध और अन्य कारणों से विस्थापित होकर भारत आए थे और दशकों से भूमि पर काबिज़ होकर भी कानूनी रूप से मालिक नहीं माने जा रहे थे।
“यह केवल पुनर्वास नहीं, राष्ट्रीय जिम्मेदारी है” : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह निर्णय केवल पुनर्वास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि अपने नागरिकों को न्याय और गरिमा के साथ जीने का अधिकार दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन परिवारों ने विभाजन की पीड़ा सही है, और अब समय आ गया है कि उन्हें स्थायी पहचान और स्वामित्व का अधिकार दिया जाए।
अब नाम होंगे राजस्व अभिलेख में दर्ज
सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद, संबंधित जिलों के प्रशासन को आदेश दिया गया है कि इन परिवारों के नाम राजस्व अभिलेख (भूमि रिकॉर्ड) में दर्ज किए जाएं ताकि उन्हें न केवल जमीन का अधिकार मिले, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ और ऋण सुविधाएं भी प्राप्त हो सकें।
योगी सरकार का यह फैसला दशकों से उपेक्षित पूर्वी पाकिस्तान विस्थापित परिवारों के लिए सम्मान और स्थायित्व की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल उनका भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि यह निर्णय राष्ट्रीय एकता और मानवीय मूल्यों की सच्ची मिसाल भी बनेगा।
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