बाराबंकी/उत्तर प्रदेश। यूपी के बाराबंकी ज़िले में एक विवाह समारोह उस समय नाटकीय मोड़ पर आ गया, जब दूल्हे पक्ष ने ऐन मौके पर दहेज़ की भारी मांग कर दी और मांग पूरी न होने पर शादी तोड़ दी। हालांकि, इस घटना के बाद जो हुआ, उसने मंडप में मौजूद सभी लोगों को हैरान कर दिया और लालची दूल्हे पक्ष को खाली हाथ लौटना पड़ा।
दरअसल, बाराबंकी में मोहिनी की शादी विकास से तय हुई थी। शादी की रस्में चल रही थीं और महफ़िल खुशनुमा थी, तभी अचानक दूल्हे के परिवार ने एक बड़ी मांग रख दी।
जयमाला के बाद डेढ़ लाख कैश और 1.5 तोला सोना मांगा
दूल्हे पक्ष ने वधू पक्ष से तत्काल ₹1.5 लाख नकद और 1.5 तोला सोने की मांग कर दी। दुल्हन का परिवार सकते में आ गया। उन्होंने हाथ जोड़कर मिन्नतें कीं कि वे इतनी बड़ी मांग पूरी करने में सक्षम नहीं हैं।
लेकिन, दूल्हे पक्ष ने अड़ियल रवैया अपनाया और मांग पूरी न होने पर शादी से साफ इनकार कर दिया। जैसे ही शादी टूटने की बात सामने आई, दुल्हन मोहिनी फूट-फूटकर रोने लगी। यह देखकर शादी के माहौल में तनाव और उदासी छा गई।
मंडप में गूँजी 'हीरो' की आवाज़, भर दी मांग में सिंदूर
ठीक इसी नाटकीय क्षण में, वहाँ मौजूद शिवांश नाम का एक युवक आगे आया। शिवांश मोहिनी का प्रेमी था। जब उसने मोहिनी को रोते हुए देखा और दूल्हे पक्ष का लालच देखा, तो उसने साहस दिखाया।
बिना किसी की परवाह किए, शिवांश सीधे मंडप में गया और सबकी मौजूदगी में, रोती हुई दुल्हन मोहिनी की मांग में सिंदूर भर दिया!
यह अप्रत्याशित घटना देखकर पूरे मंडप में हंगामा मच गया। सरेआम हुई इस घटना से अपमानित होकर और बिना दहेज़ पाए, दूल्हे विकास के परिवार को शादी के पंडाल से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। दुल्हन मोहिनी ने दहेज़ लोभी दूल्हे को छोड़कर अपने प्रेमी शिवांश के साथ जीवन की नई शुरुआत की।
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