Jamui: शिक्षक दिवस पर पर्यावरण भारती ने किया पौधारोपण, डॉ. राधाकृष्णन को किया समर्पित

जमुई/बिहार। शिक्षक दिवस एवं भारत के द्वितीय राष्ट्रपति तथा महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर जमुई के जयशंकर नगर में पर्यावरण भारती द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आम, अनार, शरीफा, केला, कचनार, कनेल और अरहुल सहित कुल 15 पौधे लगाए गए। कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी सोना प्रताप सोना ने किया।

इस मौके पर पर्यावरण नारी शक्ति प्रांत टोली सदस्या एवं अध्यापिका वीणा देवी ने बताया कि पर्यावरण भारती वर्ष 2008 से महापुरुषों की जयंती पर लगातार पौधारोपण अभियान चला रहा है। संस्था का उद्देश्य "ग्लोबल वार्मिंग से मानव जीवन की सुरक्षा हेतु वृक्षारोपण करना" है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज को सज्जन शक्ति के माध्यम से जागरूक करने का भी महत्वपूर्ण साधन है।

पर्यावरण भारती के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं का मुख्य कारण पर्यावरण असंतुलन है। उन्होंने अफगानिस्तान में हाल ही आए भीषण भूकंप, बिहार में आकाशीय बिजली से हुई मौतें, तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन सबके पीछे जंगलों की अंधाधुंध कटाई और पहाड़ों को नुकसान पहुंचाना प्रमुख कारण है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक मानव को वृक्षारोपण अभियान से जुड़ना चाहिए।

डॉ. राधाकृष्णन को याद करते हुए शाण्डिल्य ने कहा कि 5 सितंबर 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे शिक्षाविद, दार्शनिक, लेखक और महान विचारक थे। उनका मानना था कि "शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं बल्कि व्यक्ति को समाज के लिए उपयोगी बनाना है।" उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनका निधन 17 अप्रैल 1975 को हुआ।

पौधारोपण कार्यक्रम में शिक्षिका श्रीमती वीणा देवी, श्रीमती प्रीति कुमारी, श्रीमती गुड़िया कुमारी, दीप शिखा, सत्यवीर प्रताप, राम बिलास शाण्डिल्य, सोना प्रताप सोना, अंकित पंडित, सोनाक्षी, रागिनी और सोनाली सहित कई लोग शामिल हुए।
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