Jamui: विश्व गोरिल्ला दिवस पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए किया गया पौधारोपण

जमुई, 25 सितंबर 2025 (गुरुवार)।
विश्व गोरिल्ला दिवस के अवसर पर बुधवार को जमुई जिला मुख्यालय स्थित जयशंकर नगर, बोधवन तालाब परिसर में पर्यावरण भारती के बैनर तले पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान आँवला, कदम्ब और सागवान के कुल पाँच पौधे लगाए गए। कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण प्रहरी प्रिंस कुमार यादव ने किया, जबकि संस्था के संस्थापक राम बिलास शाण्डिल्य ने पर्यावरण संरक्षण का महत्व विस्तार से बताया।

शाण्डिल्य ने कहा कि “पर्यावरण पाँच ‘ज’ से बनता है—जल, जमीन, जंगल, जानवर और जन (मानव)। इन सभी तत्वों के संतुलन से ही धरती पर जीवन संभव है। जैव विविधता की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।” उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने गोरिल्ला जैसे बुद्धिमान और संकटग्रस्त जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से 24 सितंबर को विश्व गोरिल्ला दिवस के रूप में मनाने की परंपरा स्थापित की है।

उन्होंने इसके इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 24 सितंबर 1967 को प्रसिद्ध जीव वैज्ञानिक डायन फॉसी ने अफ्रीका के पर्वतीय वनों में गोरिल्ला रिसर्च सेंटर की स्थापना की थी। गोरिल्ला संरक्षण को अपना जीवन समर्पित करने वाली डायन फॉसी की स्मृति में वर्ष 2017 से यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि मानव समाज को गोरिल्ला संरक्षण और प्राकृतिक संतुलन की आवश्यकता के प्रति जागरूक करना।

गोरिल्ला के जीवनचर्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि गोरिल्ला पूर्णतः शाकाहारी होते हैं और फल, पत्तियाँ, तने व बाँस जैसे खाद्य पदार्थों से अपना भोजन ग्रहण करते हैं। रात में वे पत्तों और लकड़ियों से बनी झोपड़ीनुमा संरचनाओं में विश्राम करते हैं। लेकिन बढ़ती मानव जनसंख्या और अंधाधुंध जंगल कटाई के कारण उनका प्राकृतिक आवास सिकुड़ रहा है। साथ ही अवैध शिकार से भी उनके अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है।

इस अवसर पर उपस्थित पर्यावरण प्रेमियों ने पौधारोपण कर न केवल हरियाली बढ़ाने का संकल्प लिया, बल्कि गोरिल्ला सहित सभी वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जनमानस को जागरूक करने का संदेश भी दिया। कार्यक्रम में शिवानी कुमारी, रौनक यादव, अंकित पंडित, रवि रंजन, दिनेश यादव, अशोक यादव सहित कई स्थानीय लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए।
और नया पुराने