पटना। जदयू के प्रदेश सचिव आचार्य डॉ. राहुल परमार ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही लगातार 10वीं बार बिहार की बागडोर संभालेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने राज्य को "बीमारू" की श्रेणी से निकालकर देश के विकसित राज्यों की कतार में खड़ा किया है।
डॉ. परमार ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की यात्राएँ केवल सत्ता की लालसा से प्रेरित हैं, न कि जनता के वास्तविक हित से। उन्होंने आरोप लगाया कि "इन नेताओं को बिहार की चिंता नहीं है, बल्कि केवल कुर्सी की चिंता है। यही वजह है कि फर्जी लोगों को मंच पर खड़ा कर संवैधानिक संस्थाओं का माखौल उड़ाया जा रहा है।"
आचार्य डॉ. राहुल परमार न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि एक चिंतक और लेखक भी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीवन, कार्य और नेतृत्व पर कई पुस्तकों की रचना की है। इन पुस्तकों में विस्तार से उल्लेख किया गया है कि किस प्रकार नीतीश कुमार ने बिहार को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
उन्होंने आगे कहा कि "तीसरी आँख और तीसरी गाना" के विश्लेषण के आधार पर यह स्पष्ट है कि वर्ष 2025 से 2030 तक भी बिहार का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे। उनके अनुसार, बिहार की जनता विकास, सुशासन और स्थिरता चाहती है और यह केवल नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही संभव है।
डॉ. परमार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में महागठबंधन और एनडीए दोनों ही आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि जदयू द्वारा बार-बार नीतीश कुमार को ही चेहरा बनाना इस बात का संकेत है कि पार्टी को उनके नेतृत्व पर अटूट विश्वास है।
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की भूमिका पर बहस भले ही जारी हो, लेकिन जदयू के रणनीतिकारों और समर्थकों के लिए वे अब भी "सुशासन बाबू" और राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी उम्मीद बने हुए हैं।
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