Jamui: छात्र-छात्राओं ने निकाली मतदाता जागरूकता प्रभातफेरी, पूरे जिले में गूंजा लोकतंत्र का संदेश

जमुई/बिहार। आगामी विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मंगलवार को स्वीप कोषांग, जमुई के निर्देश पर शिक्षा विभाग, जमुई द्वारा जिलेभर के विभिन्न उच्च विद्यालयों में मतदाता जागरूकता प्रभातफेरी का आयोजन किया गया। सुबह-सुबह शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर छात्र-छात्राएँ हाथों में तख्तियाँ लिए नारे लगाते हुए निकले, मतदान करें, देश गढ़ें, पहले मतदान, फिर जलपान, हर वोट की है कीमत, निभाएँ लोकतांत्रिक जिम्मेदारी। उनकी आवाज़ से पूरा वातावरण लोकतांत्रिक जोश से गूंज उठा।

यह प्रभातफेरी जिले के सभी प्रखंडों के उच्च विद्यालयों में एक साथ आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक किया। शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने लोगों को समझाया कि मतदान केवल अधिकार ही नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य है, जिसे निभाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम में +2 उच्च विद्यालय सिकंदरा, +2 उच्च विद्यालय खैरा, +2 उच्च विद्यालय सोनो, +2 उच्च विद्यालय चकाई, +2 उच्च विद्यालय धोबघट, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिछ्वे सिकंदरा, उत्क्रमित उच्च विद्यालय महादेव सिकंदरा, +2 उच्च विद्यालय डुमरी राजपुर सोनो, उच्च विद्यालय कैराकादो, उच्च विद्यालय रक्तरोहनिया, उच्च विद्यालय कियाजोरी, उच्च विद्यालय छापा झाझा, उच्च विद्यालय चौडीहा, उच्च विद्यालय गोखुला फतेहपुर सिकंदरा, उच्च विद्यालय इंदपै जमुई, उत्क्रमित उच्च विद्यालय माधोपुर चकाई, उत्क्रमित उच्च विद्यालय चितोचक झाझा, उत्क्रमित उच्च विद्यालय कहरडीह, उत्क्रमित उच्च विद्यालय कोल्हाना, उच्च विद्यालय गोपालपुर, उच्च विद्यालय टिहिया दिनारी, तथा उच्च विद्यालय खुरण्डा सहित अनेक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस अवसर पर विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी बच्चों का हौसला बढ़ाया। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में यही छात्र-छात्राएँ देश के जागरूक नागरिक बनकर लोकतंत्र की नींव को और मजबूत करेंगे। जमुई जिले में इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल वर्तमान मतदाताओं में जागरूकता फैली, बल्कि भविष्य के मतदाताओं में भी मतदान को लेकर एक नई चेतना का संचार हुआ। स्वीप कोषांग के इस प्रयास को लोगों ने अत्यंत सराहा और इसे लोकतंत्र का उत्सव कहा।
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