वाराणसी/उत्तर प्रदेश। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका), वाराणसी ने राजभाषा हिंदी के उत्कृष्ट एवं प्रभावी कार्यान्वयन के क्षेत्र में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि अपने नाम कर ली है। रेल मंत्रालय, रेलवे बोर्ड द्वारा संचालित प्रतिष्ठित रेल मंत्री राजभाषा शील्ड/ट्रॉफी तथा चल वैजयंती पुरस्कार योजना (आधार वर्ष 2024) के अंतर्गत बरेका को आदर्श उत्पादन इकाई के रूप में प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल बरेका के लिए, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय मानी जा रही है।
रेलवे बोर्ड के राजभाषा निदेशालय द्वारा जारी आधिकारिक पत्र के अनुसार, बरेका को यह सम्मान वर्ष 2024 के दौरान हिंदी भाषा में किए गए उल्लेखनीय, सतत और प्रभावी कार्यों के लिए प्रदान किया जा रहा है। कार्यालयीन कार्य, तकनीकी दस्तावेज, पत्राचार, रिपोर्टिंग, प्रशिक्षण, कार्यशालाओं एवं दैनिक प्रशासनिक गतिविधियों में हिंदी के व्यापक और सशक्त प्रयोग ने बरेका को इस प्रतिष्ठित सम्मान का हकदार बनाया है। पुरस्कार के अंतर्गत बरेका को रेल मंत्री राजभाषा शील्ड के साथ ₹14,000 (चौदह हजार रुपये) की पुरस्कार राशि भी प्रदान की जाएगी।
जानकारी के अनुसार यह सम्मान 26 दिसंबर 2025 को अपराह्न 3:30 बजे रेल भवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित रेलवे बोर्ड राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक के दौरान प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा बरेका को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी एवं विभिन्न इकाइयों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर बरेका के महाप्रबंधक सोमेश कुमार ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार बरेका में राजभाषा हिंदी के प्रति सकारात्मक सोच, निरंतर प्रयास और सामूहिक सहभागिता का परिणाम है। साथ ही उन्होंने भविष्य में भी हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग, प्रचार-प्रसार और सशक्त कार्यान्वयन के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने का आह्वान किया।
बरेका परिवार ने इस सम्मान को पूरी टीम के समर्पण और अनुशासित कार्यशैली का प्रतिफल बताते हुए कहा कि राजभाषा नीति के अनुपालन को लेकर संस्थान सदैव प्रतिबद्ध रहा है। यह पुरस्कार न केवल अब तक किए गए कार्यों की सराहना है, बल्कि आने वाले समय में हिंदी को और अधिक प्रभावी, व्यावहारिक और सशक्त बनाने के लिए प्रेरणा का स्रोत भी सिद्ध होगा।
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