पटना/बिहार। निःसंतानता और स्त्री रोगों में गायनी दूरबीन सर्जरी (लेप्रोस्कोपी व हिस्टेरोस्कोपी) के क्षेत्र में वूमंस हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर, कंकड़बाग, पटना ने खुद को पूर्वी भारत के प्रमुख और सबसे भरोसेमंद संस्थान के रूप में स्थापित किया है। यह संस्थान महिला व पुरुष निःसंतानता के साथ-साथ आधुनिक गायनी दूरबीन सर्जरी के प्रशिक्षण और उपचार का अद्वितीय संगम बन चुका है।
यह बिहार-झारखंड का एकमात्र सेंटर है जहां स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों को रियल हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी जाती है। इस प्रतिष्ठित संस्थान के प्रमुख प्रशिक्षक डॉ. संजीव कुमार (पीजीआई चंडीगढ़) और डॉ. कुमारी अनुराग (सीएमसी लुधियाना) हैं, जिनके मार्गदर्शन में अब तक हजारों गायनोकोलॉजिस्ट बिहार, झारखंड, नेपाल समेत कई अन्य राज्यों व देशों से आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
निःसंतानता का समग्र इलाज और अत्याधुनिक तकनीक
यहां पुरुष और महिला बांझपन का समग्र इलाज आधुनिकतम तकनीकों से किया जाता है। विशेष रूप से फर्टिलिटी एनहांसिंग सर्जरी के जरिए महिलाएं जिनकी बच्चेदानी, अंडाशय या फेलोपियन ट्यूब में कोई विकृति होती है, उनका इलाज सफलतापूर्वक किया जाता है, जिससे संतान प्राप्ति की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
यह सर्जरी कई मामलों में आईवीएफ या टेस्ट ट्यूब बेबी जैसे खर्चीले इलाज से बचने का भी रास्ता देती है। खासकर जब ट्यूब की बंदी को ठीक किया जाता है, तो यह तकनीक प्राथमिक विकल्प बन जाती है।
दो प्रमुख विधियाँ: हिस्टेरोस्कोपी और लेप्रोस्कोपी
1. हिस्टेरोस्कोपी – यह सर्जरी बच्चेदानी के रास्ते से की जाती है, जिसमें बच्चेदानी के अंदर मौजूद रुकावटें जैसे पॉलिप, फाइब्रॉयड, चिपकन, या दीवार आदि को दूर किया जाता है।
2. लेप्रोस्कोपी – इसे की-होल सर्जरी भी कहा जाता है, जिसमें पेट में छोटे-से छिद्र से उपकरण डाले जाते हैं और बड़े ऑपरेशन बिना चीरे के सफलतापूर्वक किए जाते हैं, जैसे अंडाशय की रसौली, ट्यूब की बंदी आदि।
ट्रेनिंग की अनुपम सुविधा
यह संस्थान बिहार में अपनी तरह का पहला सर्जिकल ट्रेनिंग सेंटर है, जहां गाइनेकोलॉजिस्ट को विश्वस्तरीय ट्रेनिंग दी जाती है। अभी भी बिहार में इस स्किल को लेकर जागरूकता और प्रशिक्षित डॉक्टरों की भारी कमी है, ऐसे में यह सेंटर मेडिकल कम्युनिटी के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
आधुनिक युग की आवश्यकता
वर्तमान समय में गायनी दूरबीन सर्जरी और निःसंतानता उपचार को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता। दोनों प्रक्रियाएं एक-दूसरे की पूरक हैं और मरीजों को संतान सुख दिलाने में अत्यधिक सहायक साबित हो रही हैं।
वूमंस हॉस्पिटल एंड फर्टिलिटी रिसर्च सेंटर ने पूर्वी भारत में इलाज और चिकित्सा शिक्षा दोनों ही क्षेत्रों में एक नया मानदंड स्थापित किया है और यह लगातार इस दिशा में अपने प्रयासों को और व्यापक बना रहा है।
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