Jamui: गिद्धौर दुर्गा मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, अष्टमी पूजा में झलकी सदियों पुरानी परंपरा

जमुई/बिहार। जिले के गिद्धौर प्रखंड स्थित ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर में अष्टमी पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही मंदिर प्रांगण में माता रानी के दर्शन हेतु भक्तों की कतारें लगी रही। दूरदराज़ जिलों से लेकर अन्य प्रदेशों तक से श्रद्धालु गिद्धौर पहुंचे और मां दुर्गा की आराधना कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना की।

बुजुर्गों का मानना है कि गिद्धौर दुर्गा मंदिर में अष्टमी के दिन मां के दर्शन मात्र से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि वर्षों से यहां भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती रही है और यह स्थल धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है।

रात्रि के समय आयोजित निशा पूजा में सदियों से चली आ रही परंपरा का अद्भुत नजारा देखने को मिला। मान्यता के अनुसार इस अवसर पर मां दुर्गा की प्रतिमा को ढाई किलो वजनी स्वर्ण मुकुट, नथिया, कंगन, पैरों में पायल और हीरे जड़ित जेवर पहनाकर सजाया जाता है। माता के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो उठे। माथे पर स्वर्ण मुकुट और अलंकरण से सजी प्रतिमा के दर्शन श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे।

इतिहासकार बताते हैं कि यह परंपरा गिद्धौर की चंदेल रियासत काल से चली आ रही है, जिसे आज भी पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ निभाया जाता है।

पूजा के साथ-साथ मंदिर परिसर और आसपास का इलाका मेले जैसा वातावरण प्रस्तुत कर रहा था। जगह-जगह खाने-पीने की दुकानें, खिलौनों और घरेलू सामान की दुकानें सजाई गई थीं। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की चहल-पहल से पूरा इलाका गहमागहमी से भरा रहा।

गिद्धौर दुर्गा मंदिर का यह आयोजन न केवल आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपरा की जीवंत झलक भी प्रस्तुत करता है, जो हर वर्ष हजारों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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