जमुई/बिहार। जिलांतर्गत झाझा प्रखंड क्षेत्र के धमना गांव के वार्ड संख्या 10 स्थित प्राचीन माँ मनसा विषहरी मंदिर परिसर में दुर्गाअष्टमी की अर्धरात्रि के अवसर पर वैदिक तांत्रिक मंत्रोच्चारण एवं परंपरागत पूजा-अर्चना के साथ विशेष अनुष्ठान का समापन हुआ। ग्रामीण परंपरा और श्रद्धा से जुड़े इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और तांत्रिक साधक शामिल हुए।
मंदिर के पुजारी एवं यजमान किशोरी रजक ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मंदिर की स्थापना सन 2000 ईस्वी में हुई थी। तब से लेकर आज तक यहां पूरी श्रद्धा, नियम और वैदिक-पौराणिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की जाती है। दुर्गा कलश स्थापना के दिन से ही ग्रामीण तंत्र साधना में लग जाते हैं और गीत-संगीत के साथ वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर माँ विषहरी की आराधना करते हैं।
पूजा-अनुष्ठान के दौरान ग्रामीणों और भक्तों ने माँ विषहरी से परिवार, समाज और क्षेत्र में सुख-शांति, समृद्धि एवं मंगलकामनाओं की प्रार्थना की। तांत्रिक साधना और भक्ति गीतों के साथ वातावरण पूर्णतया धार्मिक रंग में रंग गया।
इस अवसर पर तंत्र साधक सुनील पांडेय, देवन यादव, धीरो रजक, राधे गोस्वामी, दयानंद गोस्वामी, ओंकार ठाकुर, कोलू यादव, दिनेश यादव, नरेश यादव, शंकर ठाकुर, लक्षण साव, लखन ठाकुर, संभू रावत, लक्ष्मण यादव, महेंद्र सह, अजय यादव समेत आसपास के कई गाँवों से आए श्रद्धालु शामिल हुए।
पूरे आयोजन के दौरान मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरा रहा। बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने सामूहिक रूप से माँ मनसा विषहरी की आराधना कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद माँगा। इधर, अनुष्ठान के सफल आयोजन में मंदिर प्रबंधन समिति और स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका रही।
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